गाजीपुर: ज्ञानी जैल सिंह अपने संघर्ष के बल पर बनें थें देश के राष्ट्रपति- रामाश्रम विश्वकर्मा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा द्वारा कचहरी स्थित सरजू पांडेय पार्क में सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की 23वीं पुण्यतिथि एवं प्रभु येशु मसीह का जन्मदिन स्वाभिमान दिवस के रुप में मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री राज्य पिछड़ा वर्ग के पूर्व अध्यक्ष रामाश्रय विश्वकर्मा ने कहा कि पूरे देश में विश्वकर्मा समाज के लोग श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. पंजाब के छोटे संधवा गांव के एक बढ़ही विश्वकर्मा परिवार ने ज्ञानी जैल सिंह का जन्म हुआ था। संघर्ष के बल पर ज्ञानी जैल सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री तथा देश के गृह मत्री व राष्ट्रपति बने थें।
उन्होने यह सिद्ध कर दिया कि यदि मन में दृढ ईच्छा शक्ति हो और नेतृत्व के प्रति सच्ची निष्ठा हो तो व्यक्ति संघर्ष के बल पर गरीब व पिछड़ी जातियों में पैदा होकर देश के बड़े पद पर पहंच सकता है। इसीलिए विश्वकर्मा समाज के लोगों को अपने मन हीनता निकालनी चाहिए अपनी पहचान के साथ कर्म करना चाहिए। ज्ञानी जैल सिंह एक समाजवादी विचारक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, देशभक्त, संघर्षशील नेता थें।
देश की आजादी के लड़ाई में अंग्रेजों से लड़ते हुए बार-बार जेल गये। इसलिए जेलर ने झुझुलाकर इनका नाम जैल सिंह रख दिया था। ज्ञानी जी गरीब व पिछड़ों के लिए आजीवन कार्य करते रहे। इसी दिन प्रभु येशु मसीह ने जोसफ बढ़ई के घर जन्म लेकर सारी दुनिया प्रेम एकता और भाईचारे का संदेश देते हुए मानवता की भलाई हेतु अपना जीवन अर्पित कर दिया था। इस मौके पर राजेश विश्वकर्मा, हरेंद्र विश्वकर्मा, रामनारायण विश्वकर्मा, विरेंद्र विश्वकर्मा, दिनेश विश्वकर्मा, राजेश विश्वकर्मा, कमलदेव, संकठा प्रसाद, बुच्चन विश्वकर्मा, चंद्रमा, विनय, दीनानाथ, संजय, शिवमूरत, शिवबचन, अमरनाथ, विनोद, सुनील, ओमप्रकाश, सुरेंद्र, लल्लन, राधेश्याम, आदि लोग मौजूद थें।