गाजीपुर: नव वर्ष 2018 में राजनैतिक और जनसुविधाओं के मोर्चे पर होगी रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा की अग्नि परीक्षा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर रेल के क्षेत्र में मील का पत्थर लगाने के बाद रेल राज्य व दूर संचार मंत्री मनोज सिन्हा को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वर्ष 2018 में बुनियादी जनसुविधाओं से रुबरु होना पड़ेगा। वर्ष 2018 मनोज सिन्हा के लिए चुनौतीपूर्ण और संघर्ष भरा वर्ष है। चुनाव की तैयारी के साथ-साथ उन्हे जनसुविधाएं सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि क्षेत्रों में भी कार्य करने हैं।
जिले की सड़को का हाल एकदम जर्जर है। जमानियां तहसील में सबसे खराब सड़कों का हाल है। जर्जर सड़को को देखते हुए प्रशासन ने जमानियां तहसील के ताड़ीघाट, जमानियां और देवल से बिहार जाने वाली सड़क पर भारी वाहनों का आवागमन रोक दिया है। जमानियां क्षेत्र के सभी सड़को का हाल एकदम जर्जर है। इसी तरह सैदपुर, जखनियां, गाजीपुर व जंगीपुर विधानसभा की अधिकांश सड़के एकदम जर्जर हो गयी हैं।
बड़ी सड़कों के लिए रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने पत्रकार वार्ता में बताया था कि जनवरी के अंतिम सप्ताह में केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी गाजीपुर आयेंगे और जनपद की अधिकांश बड़ी सड़को को ठीक करने का घोषणा करेंगे। जनपदवासियों में यह चर्चा हे कि गडकरी जी के आगमन के बाद क्या लोकसभा चुनाव से पहले जिले की सड़के ठीक हो जायेंगी। इस सवाल का जवाब लोग आने वाले समय पर छोड़ देते हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में लाइफ-लाइन ही जिले में आकर इस क्षेत्र का आबरु रख लेती है। जिला चिकित्सालय का हाल भगवान भरोसे है। अस्पताल में मरीजों की संख्या ज्यादे है और चिकित्सक एकदम कम, स्वास्थ्य संसाधन गायब है।
यही हाल पूरे जनपद के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का है। करीब करोड़ों की लागत से गोराबाजार में नवनिर्मित सरकारी चिकित्सालय का भवन बनकर तैयार है। प्रशासनिक उपेक्षा और जनप्रतिनिधियों के लापरवाही के कारण पुराना अस्पताल नये भवन में सिफ्ट नही हो पा रहा है।
जबकि रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने वादा किया था कि नवंबर तक नये भवन में अस्पताल सिफ्ट हो जायेगा। शिक्षा के क्षेत्र में भी केंद्रीय विद्यालय, इंजिनियरिंग कालेज व मेडिकल कालेज मे से कोई भी शिक्षण संस्थान का अस्तित्व जिले में दूर-दूर तक दिखायी नही दे रहा है। विश्वविद्यालय के बारे में तो जनपदवासी सोच नही सकते हैं। जिले में वर्तमान समय में करीब 225 महाविद्यालय हैं और विश्वविद्यालय के लिए मानक 120 महाविद्यालय का होता है। राजनीति क्षेत्र में भी रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा को पार्टी के अंदर व बाहर विरोधियों से भी कड़ी चुनौती मिलेगी।
विरोधी दल भाजपा के वोट बैंक यादव अदर्स, बैकवर्ड जातियों में सेंध लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। पार्टी के अंदर भी गुटबाजी चरम पर है। अब देखना यह है कि 2018 में इन मुद्दों पर रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा कैस विजय हासिल करके 2019 में एक बार फिर भाजपा का झंडा बुलंद करते हैं।