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गाजीपुर: कासिमाबाद में आंदोलनकारियों के आगे झुका प्रशासन!

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर आंदोलनकारियों के आखिर प्रशासन को झुकना पड़ा। कासिमाबाद चौराहे पर एसपी सोमेन बर्मा संग डीएम के बालाजी गुरुवार की शाम करीब साढ़े चार बजे पहुंचे। उन्होंने भरोसा दिया कि 15 मई तक शहीद शशांक सिंह की प्रतिमा कासिमाबाद चौराहे पर लगा दी जाएगी। उसके बाद संगठन के जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा की। 

आंदोलन के समर्थन में कासिमाबाद बाजार के व्यापारियों ने अपनी दुकानें तथा प्रतिष्ठान बंद रखा था। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की युवा इकाई की ओर से तीन दिनों तक उपवासीय धरना चला। उसके बाद चौथे दिन बेमियादी अनशन शुरू हुआ। इसी बीच आंदोलनकारी शहीद शशांक की प्रतिमा लेकर उनके पैतृक गांव नसीरुद्दीनपुर से कासिमाबाद चौराहे के लिए चले। प्रशासन ने उन्हें भरसक रोकने की कोशिश की। एसडीएम कासिमाबाद तथा सीओ ने पीएसी के जवानों के साथ घेरेबंदी कर प्रतिमा को रोकना चाहा लेकिन आंदोनलकारियों के तेवर के आगे उनकी एक नहीं चली। 

तब अधिकारियों ने वचन लिया कि प्रतिमा कासिमाबाद चौराहे पर जाएगी लेकिन वाहन से उतारी नहीं जाएगी। उधर आंदोलनकारियों ने कहा कि लगातार तीन दिनों तक धरना चला लेकिन आला अधिकारियों ने सुधि नहीं ली। लिहाजा जब तक डीएम मौके पर नहीं आएंगे तब तक वह कुछ नहीं सुनेंगे। साथ ही रास्ता जाम शुरू कर दिए। मामले की नाजुकता भांप डीएम और एसपी पहुंचे। उन्होंने कहा कि शासन से अनुमति लेकर प्रतिमा निश्चित रूप से स्थापित कराई जाएगी। 

इस मौके पर संगठन के महामंत्री अभिजीत सिंह ने कहा कि अगर वादे के मुताबिक प्रतिमा स्थापित नहीं हुई तो फिर बड़ा आंदोलन होगा। सत्याग्रहियों में शहीद के पिता अरुण सिंह, मां के अलावा भाई शुधांशु सिंह, भूपेंद्र सिंह, प्रवीण सिंह, अविनाश सिंह, मिथिलेश सिंह, शुभम सिंह, सुरेंद्र सिंह, कुंवर अमित सिंह, तारकेश्वर सिंह, वैभव सिंह, राजीव सिंह, रामू सिंह पप्पू, विजय सिंह, डॉ.अवधेश भारती, सूरज सिंह, संतोष सिंह, आर्यन सिंह, रितेश सिंह, श्रवण सिंह, अवधेश सिंह, शेषनाथ सिंह, भगवती प्रसाद वर्मा, अशोक मिश्र, कृपाशंकर सिंह, सर्वजीत सिंह, मुम्मद मुमताज अहमद आदि प्रमुख थे।
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