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गाजीपुर: विद्यासागर सोनकर बनेंगे एमएलसी, भाजपा ने दिया टिकट

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर पूर्व सांसद विद्या सागर सोनकर अब विधान परिषद के सदस्य बनेंगे। रविवार को भाजपा ने विधान परिषद के अपने उम्मीदारों की सूची जारी की। उसमें श्री सोनकर का नाम है। उनके अलावा प्रदेश सरकार में मंत्री डॉ महेंद्र सिंह, मोहसिन राजा सहित डॉ. सरोजनी अग्रवाल, बुक्कल नबाब, यशवंत सिंह, जयवीर सिंह, विजय बहादुर पाठक, अशोक कटारिया, अशोक धवन का नाम भी शामिल है। 

मूलतः जौनपुर के रहने वाले श्री सोनकर भाजपा के प्रदेश महामंत्री हैं। वह प्रदेश अध्यक्ष डॉ.महेंद्र नाथ पांडेय के करीबी माने जाते हैं। जौनपुर में गीतांजलि संस्था के अध्यक्ष के रूप में समाज सेवा से राजनीति की शुरुआत करने वाले श्री सोनकर 1995 में जौनपुर नगर पालिका के सभासद बने थे। उसके बाद भाजपा लोकसभा के 1996 के चुनाव में गाजीपुर की सैदपुर संसदीय सीट से टिकट दी। वह सांसद चुने गए।

उसके बाद वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में पार्टी दोबारा उन्हें सैदपुर सीट से टिकट दी लेकिन वह कामयाब नहीं हुए। फिर 2009 के लोकसभा चुनाव में मछली शहर सीट से टिकट मिला। उस बार भी वह हारे। उसके पूर्व 2000 में वह पार्टी के जौनपुर जिलाध्यक्ष बने। बीते विधानसभा चुनाव में पार्टी उन्हें गाजीपुर की सैदपुर सीट से टिकट दी लेकिन वह हार गए। अब जबकि विधान परिषद चुनाव के लिए उन्हें टिकट मिला है तब उनकी जीत भी लगभग पक्की मानी जा रही है। श्री सोनकर को विधान परिषद का टिकट मिलना भाजपा की दलितों को आकर्षित करने की कोशिश से जोड़ा जा रहा है।

यह है विधान परिषद की गणित
प्रदेश विधान परिषद चुनाव के लिए जारी अधिसूचना के मुताबिक 16 अप्रैल तक नामांकन होना है, जबकि मतदान 26 अप्रैल को होगा। कुल 100 सदस्यों वाली यूपी विधान परिषद में 38 सीटों पर विधायक वोट करते हैं। इनमें से 13 सीटों पर फिलहाल चुनाव होने हैं। दरअसल, 5 मई को इनमें से 12 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है और एक सीट पहले से ही खाली है। सूबे में कुल 100 विधान परिषद सदस्य हैं. इनमें से विधानसभा सदस्यों द्वारा 38 विधान परिषद सदस्यों का चयन होता है. 36 विधान परिषद सीटें ऐसी हैं जो स्थानीय निकाय द्वारा निर्वाचित होती हैं. इसके अलावा आठ सदस्यों का चुनाव शिक्षकों और आठ सदस्य स्नातक वोटर चुनते हैं। वहीं दस विधान परिषद सदस्य मनोनीत किए जाते हैं। सभी सदस्यों का कार्यकाल छह साल के लिए होता है।

एक सदस्य के लिए 31 वोट की जरूरत
विधान परिषद की जिन 13 सीटों का चुनाव है, वो विधायकों द्वारा चुने जाने हैं. ऐसे में कुल रिक्त सीट को कुल विधायकों की संख्या से भाग कर दें, जिसका हासिल आएगा। वही संख्या एक विधान परिषद सदस्य के लिए चाहिए। इस हिसाब से उत्तर प्रदेश में कुल 402 विधान सभा सदस्य हैं और 13 विधान परिषद सीटों पर चुनाव होना है। ऐसे में 402 को 13 से भाग देते हैं तो करीब 31 आता है। इस प्रकार से सूबे की एक सीट के लिए 31 विधायकों के वोट चाहिए।

भाजपा के दस और दो पर विपक्ष की जीत तय
मौजूदा विधानसभा में भाजपा गठबंधन के पास 324 विधायक हैं। इसके अलावा निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ सपा-बसपा और आरएलडी के बागी विधायकों को मिलाकर 331 का आंकड़ा पहुंचता है। ऐसे में भाजपा की दस सीट पर जीत तय है। इसके बाद 21 वोट अतिरिक्त बचेंगे। ऐसे में भाजपा 11वें उम्मीदवार के रूप में सहयोगी पार्टी अपना दल एस को समर्थन देगी। उधर सपा-बसपा और कांग्रेस को मिलाकर विपक्ष दो सीटें आसानी से जीत सकता है। उसके बाद भी उसके नौ वोट बचेंगे। तब हैरानी नहीं कि विपक्ष राज्यसभा चुनाव की तरह तीसरा उम्मीदवार उतार कर मुकाबले को रोचक बनाने की कोशिश करे।

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