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गाजीपुर: सिद्धार्थ राय ने गरीब वनवासी के नंगे पांवों में देखे थे छाले और रिसते खून

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जमानियां बरेसर की वनवासी बस्ती के बच्चों के लिए मंगलवार का दिन कुछ खास था। उनके चेहरे पर उम्मीद थी। खुशी की चमक थी। मौका था प्रमुख समाजसेवी और उम्मीद फाउंडेशन के चेयरमैन सिद्धार्थ राय के आगमन का। 

वह अपने जन्म दिन पर मिले कपड़े, जूते-चप्पल और अन्य उपहार लेकर उन्हें वितरित करने पहुंचे थे। देखते ही देखते बस्ती के बच्चे अपने अभिभावकों के साथ उनके आसपास जमा हो गए। उन्हें देख श्री राय के चेहरे पर भी आत्मसंतुष्टि साफ झलक रही थी। पहली बार जब वह इस बस्ती में आए थे तब नंगे बदन अथवा चिथड़े कपड़ों में लिपटे बच्चों के पांवों में रिसते खून, पड़े छाले देख उनका मन द्रवित हो उठा था। पता चला कि गेहूं की कटी फसल के रास्ते नंगे पांव चलने का यह परिणाम था। 

तभी उन्होंने फैसला कि इस बार वह अपने जन्मदिन पर और कुछ नहीं। बल्कि अपने शुभचिंतकों, परिचितों, परिवारीजनों, मित्रों से सिर्फ और सिर्फ इस बस्ती के बच्चों के लिए जूते-चप्पल और कपड़े मांगेंगे। हर किसी ने उनकी इस भावना को समझा और वाकई उपहार में उन्हें यही सब भेंट किए। हालांकि श्री राय ने यह भी कहा कि बस्ती के बच्चों के लिए यह उपहार तो फौरी विकल्प है। बस्ती के लिए पक्का रास्ता और अन्य बुनियादी जरूरतों के लिए भी वह यथासंभव काम करेंगे।

इस मौके पर मुन्ना मास्टर, शुभम राय, हिमांशु, राहुल शर्मा, मनीष आदि थे। इन लोगों ने भी बस्ती के बच्चों को अपनी ओर से उपहार दिए।


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