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गाजीपुर: हद है! ग्रीष्मावकाश के बाद नहीं खुला इस सरकारी स्कूल का ताला

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर भांवरकोल शासन-प्रशासन शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने में जुटा है। डीएम के बालाजी विभागीय अधिकारियों की हर बैठक में विद्यालयों के नियमित संचालन तथा पठन-पाठन की  समुचित व्यवस्था को लेकर हिदायत देते रहते हैं लेकिन नीचे के अधिकारी इस मामले में बिल्कुल संजिदे नहीं हैं। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण ब्लाक की तरका ग्राम पंचायत के प्राथमिक विद्यालय अराजी बड़ेला है। यह जानकर सबको हैरानी होगी कि ग्रीष्मावकाश खत्म हुए 23 दिन हो गए लेकिन इस  विद्यालय में अभी तक ताला लटकता रहा। विद्यालय में कुल 75 बच्चों का नामांकन है। ऐसा नहीं कि यह बच्चे विद्यालय आना छोड़ दिए। वह बेचारे रोज आते और ताला देख लौट जाते रहे। उनके पैरेंट्स शिकायत करते रहे लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई।

आखिर ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान मनोज पांडेय को यह देखा नहीं गया। वह खुद आगे आए। सोमवार को विद्यालय खुलवाए। कुल 35 बच्चे पहुंचे। श्री पांडेय उन्हें पढ़ाए। फिर रसोइयों को अपने घर से राशन मुहैया करा कर बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन की व्यवस्था कराए। बच्चों की छुट्टी करने के बाद उन्होंने चेताया कि इसके बाद भी विद्यालय खुला नहीं तो वह 25 जुलाई से बीआरसी पर धरना-प्रदर्शन को बाध्य होंगे। दरअसल विद्यालय में तैनात एक मात्र सहायक अध्यापक का पिछले माह अन्यत्र तबादला हो गया जबकि शिक्षामित्र राजीता पांडेय मातृत्व अवकाश पर हैं। 

लिहाजा ग्रीष्मावकाश के बाद विद्यालय खोलने वाला  कोई नहीं रहा। उधर मौजूदा ग्राम प्रधान विनीता राय का कहना है कि वह इस बाबत विभागीय अधिकारियों को पहले ही अवगत चुकी हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ। एबीएसए जयराम पाल से चर्चा हुई तो उन्होंने शीघ्र इस विद्यालय में शिक्षक तैनाती की बात कह अपना पल्ला झाड़ लिए लेकिन देखा जाए तो इसके लिए एबीएसए भी कम दोषी नहीं हैं। इससे साफ है कि जनाब अपने क्षेत्र में भ्रमण नहीं करते और न क्षेत्र के विद्यालयों की उन्हें सुध है। इस संबंध में गाजीपुर न्यूज़ टीम ने बीएसए श्रवण कुमार से चर्चा की। उन्होंने कहा-बिल्कुल इसकी जवाबदेही एबीएसए पर भी बनती है। निश्चित रूप से उनसे जवाब तलब होगा। बीएसए ने कहा कि यह मामला सामने आने के बाद शिक्षक की तैनाती कर दी गई है।

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