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गाजीपुर: नीरज के निधन से गाजीपुर के साहित्यकार भी मर्माहत

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर हिंदी गीतों के शलाका पुरुष गोपाल दास नीरज के निधन से गाजीपुर के साहित्यकार भी मर्माहत हैं। समकालीन सोच परिवार की शुक्रवार को हुई बैठक में गोपाल दास नीरज को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर प्रख्यात समालोचक डॉ.पीएन सिंह ने कहा कि गोपाल दास नीरज सुयोग्य शिक्षक एवं लोकप्रिय कवि थे। वे कवि सम्मेलनों की सफलता की मजबूत धूरी थे। वह पहले ऐसे व्यक्ति रहे जिन्हें शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में भारत सरकार ने दो बार सम्मानित किया। इतना ही नहीं फिल्मों में भी सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिए उन्हें लगातार तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। गोपाल दास नीरज ऐसे कवि थे जो रेडियो या मंच हो। घर हो या बाहर वह समान भाव से काव्य पाठ करते थे। उनमें कोई बनावटीपन नहीं था।  

गरीबी से अपनी जीवन-यात्रा प्रारंभ करने वाले नीरज संघर्ष करते हुए सफलता के शिखर तक पहुंचे थे। उन्होंने जो लोकप्रियता अर्जित की वह विरले लोगों को ही प्राप्त होती है। बैठक में साहित्यकार एवं पत्रकार  रामावतार  डॉ. गजाधर शर्मा ‘गंगेश’ सहित डॉ. अशोक सिंह, डॉ. समर बहादुर सिंह, माधव कृष्ण आदि ने भी नीरज के व्यक्तित्व, कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। सामुदायिक रेडियो के अमितश ने कहा कि जल्द ही गोपाल दास नीरज पर डॉक्यूमेंट्री प्रसारित की जाएगी। बैठक की शुरुआत में नीरज के चर्चित गीतों का जानी-मानी कवयित्री रश्मि शाक्या ने सस्वर पाठ किया। बैठक में  प्रमोद कुमार राय, डॉ. मीना विश्वकर्मा आदि भी उपस्थित थे।

उधर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने भी गोपाल दास नीरज के निधन पर गहरा शोक जताया। संस्था की गाजीपुर इकाई अध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव के चंदन नगर स्थित आवास पर हुई शोक सभा में नीरज को श्रद्धांजलि दी गई। शोकसभा में रवींद्र कुमार श्रीवास्तव, मुक्तेश्वर प्रसाद, परमानंद, सत्यप्रकाश, विपिन बिहारी वर्मा, प्रमोद श्रीवास्तव, चंद्रप्रकाश, मोहनलाल, अजय श्रीवास्तव, विपिन श्रीवास्तव, अमर सिंह राठौर, राजेश श्रीवास्तव, पीयूष, आशुतोष, अमरनाथ, आनंद, अश्वनी, अनूप श्रीवास्तव आदि थे।

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