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गाजीपुर: पशुओं का इलाज कराने बिहार जाते हैं पशुपालक

सेवराईं तहसील क्षेत्र के बारा न्याय पंचायत में कई दशक पूर्व भूमि आवंटित होने के बावजूद अब तक पशु अस्पताल की स्थापना नहीं हो सकी।
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर सेवराईं तहसील क्षेत्र के बारा न्याय पंचायत में कई दशक पूर्व भूमि आवंटित होने के बावजूद अब तक पशु अस्पताल की स्थापना नहीं हो सकी। इसके चलते पशुपालकों को दरक्षदर भटकना पड़ता है। बीमारी की हालत में पशु पालकों को बिहार प्रांत के चौसा इलाज के लिए जाना पड़ता है। हर वर्ष दर्जनों मवेशी इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं। आवंटित भूमि पर अतिक्रमण की होड़ लगी है। शिकायत के बावजूद जनप्रतिनिधियों व अफसरों ने सुधि नहीं ली।

न्याय पंचायत बारा जिले के अंतिम छोर एवं बिहार सीमा पर स्थित है। इसके अंतर्गत कुतुबपुर, मगरखाई, हरकरनपुर, रोइनी, भतौरा, दलपतपुर आदि गांव आते हैं। इन गांवों में अधिक संख्या में पशुपालन होता है। दर्जनों लोग दुग्ध व्यवसाय में भी लगे हैं। गाय, भैंस व बकरी के पालन से ही हजारों लोगों का जीवन-यापन हो रहा है लेकिन इन मवेशियों के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। बारा गांव के तारिक खां, जफरुल्लाह खां, पूर्व प्रधान कुतुबपुर जयप्रकाश राय, राहुल राय, मगरखाई के कालिका सिंह यादव, ऋषिदेव यादव, हरकरनपुर के राघवेंद्र पांडेय आदि ने जिला प्रशासन से मवेशियों के इलाज के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। बारा गांव की परिधि में अस्पताल का निर्माण होने से पशु पालन को बढ़ावा मिलेगा।
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