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गाजीपुर: सीएमओ कार्यालय में खड़ा शव वाहन बना शोपीस

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर सीएमओ कार्यालय में खड़ा शव वाहन इन दिनों पूरी तरह शोपीस बन चुका हैं। नियमित संचालन में बरती जा रही लापरवाही से मृतकों के परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में उन्हें भाड़े पर निजी वाहनों का इस्तेमाल करना पड़ता है। इससे उन्हें आर्थिक दंश भी झेलना पड़ता है। सबकुछ जानते हुए भी स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है।

जिला अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ने वाले मरीजों का शव घर तक निशुल्क ले जाने के लिए शासन ने शव वाहन मुहैया कराया है लेकिन अस्पताल में खड़ा यह शव वाहन सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है। अपनों को खोने का दर्द झेल रहे परिवार को शव वाहन के लिए तमाम नियम-कानून बताए जाते हैं इससे घबरा कर मजबूरन पीड़ित परिवार अस्पताल परिसर में अवैध रूप से खड़े निजी वाहनों के सहारे शव को ले जाते हैं। इससे उन्हें आर्थिक नुकसान के साथ परेशानी का भी सामना करना पड़ता है। 

यही नहीं सड़क दुर्घटना हो अथवा किसी अज्ञात कारणों से मौत शव को प्राइवेट वाहनों से ले जाने के लिए विवश होना पड़ता है। इसके अलावा मर्चरी से पोस्टमार्टम हाउस तक पहुंचाने के लिए मृतकों के परिजनों को भाड़े पर ही वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। शासन की ओर से लाख सुविधा मुहैया कराने के बाद भी लोगों को इससे वंचित होना पड़ता है। जबकि विभाग की ओर से शासन को भेजी गई रिपोर्ट में नियमित संचालन दिखाकर इतिश्री कर ली जाती है। इस संबंध में सीएमओ डा. जीसी मौर्या ने बताया कि शव वाहन का नियमित संचालन होता है। साथ ही नोडल अधिकारी को भी इसके सख्त निर्देश भी दिए गए हैं।
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