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गाजीपुर: करइल के गांवों के लिए मुसीबत बना पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर लौवाडीह पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे ने करइल के कुछ गांवों का भूगोल ही बदल दिया है। जो गांव बाढ़ आने पर सबसे अंत में डूबते थे वह पहली बरसात के पानी से ही लबालब हो गए। वहां बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। इससे ग्रामीण काफी परेशान हो गए हैं।

कार्यदायी संस्था और प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही से लौवाडीह, पारो, मुर्तजीपुर, बेलेसड़ी गांव में पानी पहुंच रहा है। वहीं इसके अतिरिक्त हेमराजपुर, जोगामुसाहिब, खेमपुर, सिलाइच, राजापुर, परसा, करीमुद्दीनपुर आदि गांवों की हजारों एकड़ भूमि जलमग्न हो जा रही है। पहली बरसात के बाद पानी समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा। ऐसी हालत रही तो जनवरी से पहले इन खेतों से पानी नहीं निकल पाएगा। ऐसे में करइल के सबसे उपजाऊ इलाके में खेती नहीं हो पाएगी और लौवाडीह, पारो जैसे गांव के लोगों को तो पलायन करना पड़ेगा। ज्ञात हो कि लौवाडीह के दक्षिण तरफ काफी मैदानी इलाका है। 

इसे ताल कहा जाता है। बरसात का पानी एक नाले जो बह के नाम से मशहूर है के माध्यम से गंगहर नदी से होते हुए मंगई नदी में गिरता था। एक्सप्रेस वे निर्माण के दौरान इस नाले को पाट दिया गया है और एक या दो पीपा लगाकर छोड़ दिया गया है। इससे पानी का बहाव बाधित हो गया है। गांव के उत्तर तरफ का इलाका खादर के नाम से मशहूर है, जो काफी उपजाऊ है। जोगा मुसाहिब के पास नूरपुर मौजे में एक बड़ा नाला था। 

बरसात का पानी इसी नाले से होकर मंगई नदी में चला जाता था, इसे भी पाट दिया गया। जिसे संज्ञान में लेकर जिलाधिकारी ने इस समस्या को हल करने का आदेश दिया था। जिससे ह्यूम पाइप लगाया गया, लेकिन यह काफी कम है और काफी ऊंचाई पर होने से पानी निकल नहीं पा रहा है। इस समय लौवाडीह और पारो उत्तर और दक्षिण दोनों तरफ से पानी से घिर गया है। कार्यदायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर अशोक सिंह ने कहा कि पानी के निकासी की समुचित व्यवस्था कराई जाएगी।
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