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गाजीपुर: सावन के आखिरी सोमवार व प्रदोष व्रत पर शिवालयो में शिवभक्तो ने लगाई हाजिरी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर भगवान शिव की भक्ति में डूबने का एक अहम मौका 12 अगस्त को मिल रहा है। इस तारीख को सावन का आखिरी सोमवार है। साथ ही शुभ संयोग भी है। इस दिन शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत भी है। इस विशेष संयोग के भक्ति गंगा में गोता लगाने के लिए रविवार को ही लोग उमड़ पड़े थे। रात तक करीब 70 हजार लोगों ने दर्शन भी किया। सोमवार को भोर में मंगला आरती होने से पहले ही लंबी कतार लग गई थी। वहीं सोमवार दोपहर बारह बजे तक करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने बाबा दरबार में दर्शन पूजन कर लिया था। 

लाखों की भीड़ का अनुमान लगाते हुए जिला व पुलिस प्रशासन ने भी तैयारी पूरी कर ली थी। स्वास्थ्य महकमा के साथ ही सफाई व्यवस्था के लिए नगर निगम व जलकल विभाग भी मुस्तैद था। सावन के आखिरी सोमवार को प्रदोष व्रत के संयोग की मान्यता है कि सावन के आखिरी सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यही नहीं, इस दिन भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना करने से बड़ा संकट भी टल जाता है। 

प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है। हालांकि यह पूजा शाम को होती है। प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है। इसे शुक्ल और कृष्ण दोनों ही पक्षों की त्रयोदशी के दिन किया जाता है। इसलिए इसे तेरस भी कहा जाता है। ऐसे में जिस दिन भी प्रदोष व्रत होते हैं, उसकी महिमा अलग होती है। 

वैसे तो हर दिन का प्रदोष शुभ है लेकिन कुछ विशेष दिन बेहद शुभ और लाभदायी माने जाते हैं। इसमें सोमवार को आने वाले प्रदोष, मंगलवार को आने वाले भौम प्रदोष और शनिवार को पड़ने वाले शनि प्रदोष का महत्व अधिक है। गाजीपुर संवाददाता के अनुसार जिले में शिवालयो में शिवभक्‍तो की भारी भीड़ देखी गयी। शहर के बड़ा महादेव मंदिर, रायगंज स्थित अघोश्‍वर नाथ मंदिर, बुढे महादेव, महाहर मंदिर, महेश्वरनाथ मंदिर में शिवभक्‍तो की भारी भीड़ देखी गयी।

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