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गाजीपुर: बालू माफियाओं पर टूटा प्रशासन का कहर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर बालू माफियाओं पर प्रशासन का कहर टूट पड़ा है। गंगा पार से लाल बालू के अवैध कारोबार और गंगा पुल के रास्ते अवैध तरीके से ढुलाई के मामले में प्रशासन की सख्ती शुरू हो गई है। इसको लेकर बालू माफियाओं में हड़कंप मच गया है। सरकारी पार्टी भाजपा के वह नेता भी बेचैन हो गए हैं, जिनका खुला संरक्षण बालू माफियाओं को हासिल था। मजे की बात कि भाजपा नेताओं और बालू माफियाओं के सिंडीकेट का खेल बिगाड़ने वाला भी दूजा नहीं बल्कि भाजपा का ही एक युवा नेता है।

एसडीएम जमानियां रमेश मौर्य बालू माफियाओं के पीछे एकदम से पड़ गए हैं। उनकी अगुवाई में वहां छापेमारी की गई जहां लाल बालू डंप हैं। मौके पर सवाल किए गए कि बड़ी मात्रा में बालू डंप का कारण क्या है। फिर ओवरलोडेड ट्रैक्टर ट्रालियों के चालान काटे गए। अकेले रविवार को लाल बालू लदी 11 ट्रैक्टर ट्राली पकड़ी गईं। एसडीएम जमानियां ने बताया कि उन्होंने इस काम में खनन और संभागीय परिवहन विभाग के लोगों को भी लगाया है।

ऐसे चल रहा है खेल
दरअसल ओवरलोड गाड़ियों के चलते गंगा का वीर अब्दुल हमीद पुल जर्जर हो गया है। लगभग उसकी सभी वेयरिंग, स्लीपर्स जवाब दे चुकी हैं। जैसे-तैसे उनकी मरम्मत कर काम चलाया जा रहा है। भारी वाहनों का परिचालन रोकने के लिए संबंधित इंजीनियरों ने पुल के दोनों छोर पर बैरियर लगवा दिया है। उसका विकल्प बालू माफियों ने ढूंढ़ लिया और ट्रैक्टर ट्रालियों के ढाले की ऊंचाई बढ़वा दी। उससे हर ट्राली में 400 फीट तक बालू की ढुलाई शुरू कर दिए। बिहार से लाल बालू लादकर ट्रक जमानियां अनलोड करते हैं। उसके बाद वह बालू उन्हीं ट्रैक्टर ट्रालियों के जरिये गंगा इस पार लाया जाता है। फिर बालू दोबारा ट्रकों पर लोड कर गाजीपुर के गंगा पार के इस इलाके सहित मऊ, आजमगढ़, गोरखपुर तक भेजा जाता है। 

गंगा पार बालू के डंपिंग प्वाइंट के संचालन के लिए सुहवल और इस पार लोडिंग प्वाइंट के लिए शहर कोतवाली के रजागंज पुलिस चौकी पर प्रति ट्रक के हिसाब से पुलिस कर्मियों की जेब गर्म की जाती है। बावजूद अगर पुलिस कर्मी अड़ंगा डाले तो उन्हें बालू माफियाओं के संरक्षक भाजपा नेता सत्ता की धौंस देकर शांत कर देते हैं। बल्कि यह नेता खनन, राजस्व कर्मियों को भी डराए रखते हैं। पुल के रास्ते बालू की ढुलाई का काम सूर्यास्त के बाद ही होता है। कोशिश यह भी रहती है कि बालू लदी ट्रैक्टर ट्रालियों का परिचालन एक साथ हो और रफ्तार से हो। जाहिर है कि इससे ऊपर के अधिकारियों की नजर में वह नहीं आएंगे। उस बीच रास्ते में बड़े अधिकारियों की लोकेशन मिलने पर ट्रैक्टरों का परिचालन रोक दिया जाता है।

पुलिस कप्तान से मिले थे योगेश सिंह
जर्जर वीर अब्दुल हमीद पुल के रास्ते ओवर लोड ट्रैक्टर ट्रालियों के आवागन रोकने के लिए हाल ही में भाजयुमो के पूर्व प्रदेश मंत्री योगेश सिंह पुलिस कप्तान डॉ.अरविंद चतुर्वेदी से मिले थे। बताए थे कि पुल क्षतिग्रस्त होने के बावजूद उसके रास्ते ट्रैक्टर ट्रालियों पर 300 से 400 फीट तक बालू पुलिसिया संरक्षण में गंगा पार से इस पार लाया जा रहा है। उससे पुल के स्लीपरों के फिर से खिसकने का खतरा बन गया है। उन्होंने यह भी कहा था कि जरूरत पड़ी तो बालू ढुलाई में लगे ट्रैक्टर ट्रालियों के वीडियो फुटेज भी वह उपलब्ध करा देंगे। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर बालू माफियाओं के इस कारोबार पर प्रभावी तरीके से अंकुश नहीं लगा तो वह पुल पर बेमियादी धरना शुरू करेंगे। 
अब जबकि बालू माफियाओं के खिलाफ प्रशासन हरकत में आया है तो उसे योगेश सिंह की चेतावनी से जोड़ा जा रहा है। खबर तो यह भी है कि बालू माफियाओं के संरक्षक भाजपा नेता योगेश सिंह से नाखुश हो गए हैं। उनकी अवैध कमाई का खेल जो बंद होने के कगार पर आ गया है। इस सिलसिले में गाजीपुर न्यूज़ टीम ने योगेश सिंह से चर्चा की तो उन्होंने साफ कहा कि यह जनहित का मामला है। जमानियां क्षेत्र में आबाद लाखों लोगों का जिला मुख्यालय पर आने-जाने के लिए वीर अब्दुल हमीद पुल ही एक मात्र समुचित रास्ता है। यह पुल तभी उनकी जरूरत की पूर्ति करेगा जब सही सलामत रहेगा। इसकी कीमत पर वह किसी की भी नाखुशी की कतई परवाह नहीं करेंगे। वह भाजपा का हो या गैर हो। किसी भी दशा में ओवर लोड ट्रैक्टर ट्रालियों का संचालन वह नहीं होने देंगे।
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