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गाजीपुर: कटान पीड़ितों को आशियाना नसीब नहीं

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर मुहम्मदाबाद करीब छह वर्ष पूर्व गंगा की कटान से विस्थापित सेमरा गांव के पीड़ित परिवारों को पुनर्वासित करने के बजाए अब तक प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय परिसर में ही विस्थापित का जीवन जीने को छोड़ दिया गया है। इसके चलते इन परिवारों को अब तक आशियाना मुहैया नहीं हो सका। विद्यालय में पठन-पाठन का माहौल चौपट हो गया है। विद्यालय परिसर में अराजकता के माहौल के चलते अब विस्थापित परिवारों को यहां से हटाने को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है।

वर्ष 2013 में गंगा की कटान से अपना सब कुछ गवां चुके परिवारों में करीब 40-42 परिवारों को पूर्व माध्यमिक विद्यालय में राहत शिविर बनाकर तत्काल राहत देने का कार्य किया गया। उस समय की विकट स्थिति को देखकर लोगों ने इसका समर्थन भी किया। कुछ दिनों बाद कुछ परिवार दोबारा गांव लौट गए और वहीं सड़क किनारे या खेत में अपना आशियाना बनाकर रहने लगे। 

वर्तमान में विद्यालय के करीब 15 कमरों के साथ-साथ परिसर में झोपड़ी आदि डालकर पीड़ित परिवार बकायदा घर की तरह यही रहने लगे। अब हालत यह है कि परिसर में इनके रहने परिसर से पढ़ाई का माहौल ही समाप्त हो गया। कक्षों में इनके कब्जे के चलते अब बचे हुए कमरों में ही किसी तरह पढ़ाई होती है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक बाबर अली ने बताया कि पीड़ित परिवारों के यहां रहने से पढ़ाई का माहौल खराब हो रहा है। किसी तरह की गड़बड़ी होने पर जब मना किया जाता है तो वे लड़ाई-झगड़ा पर भी आमादा हो जाते हैं। इसको लेकर कई बार विभागीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया है लेकिन कोई हल नहीं निकल सका।

क्रय जमीन पर जाने को तैयार नहीं कटान पीड़ित
विस्थापित परिवारों को पुनर्वासित करने के लिए शासन से मिले दो करोड़ दो लाख 14 हजार रुपये में एक करोड़ 93 लाख 59 हजार 117 रुपये में 4.209 हेक्टेयर भूमि का क्रय किया गया। इसके पश्चात लाटरी सिस्टम से जमीन आवंटित किया गया लेकिन विद्यालय परिसर में रहने वाले परिवारों ने उक्त जगह पर यह कहकर जाने से इंकार कर दिया कि वहां की जमीन गड़हा में हैं और बाढ़ आने पर उसमें पानी लग जाएगा। 

इसके चलते आज भी वह जमीन उसी तरह खाली पड़ी हुई है। ताज्जुब की बात यह है कि विद्यालय में आज भी वह परिवार कब्जा जमाए हुए हैं जिनका आशियाना कटान से बचा हुआ है। वहीं कुछ लोग जमीन क्रय करने के बावजूद वहां नहीं जा रहे हैं। कटान पीड़ित फूलमान, संवरू, सेता, श्रीनारायण, रामनाथ ने बताया कि शासन ने जिस जमीन को खरीदा है वह काफी दूर के साथ-साथ बाढ़ ग्रस्त इलाके में है। दूसरी जमीन उपलब्ध करा दिया जाए तो वे तुरंत चले जाएंगे।

उच्चाधिकारियों को कराया गया है अवगत
विद्यालय परिसर को पूरी तरह से राहत शिविर बना देने से पठन-पाठन प्रभावित है। इसको लेकर वह उच्चाधिकारियों से कई कह चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। - राघवेंद्र प्रताप सिंह, खंड शिक्षाधिकारी।

जांच कर होगी कार्रवाई
जल्द ही अभियान चलाकर पीड़ित परिवारों को पुनर्वासित किया जाएगा। इसमें कई लोगों के पास अपना आवास होने की शिकायत मिली है। जो बेवजह परिसर में कब्जा जमाए हुए हैं। जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -राजेश कुमार गुप्ता, एसडीएम।
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