गाजीपुर: वर्तमान व भूत के बीच चल रही मूंछ की लड़ाई में भाजपा जिलाध्यक्ष का पेंच फंसा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर भूत व वर्तमान के बीच चल रही मूंछ की लड़ाई में भाजपा का जिलाध्यक्ष का पेंच बुरी तरह फंस गया है। बृहस्तपतिवार की दोपहर में भाजपा के प्रदेश संगठन ने 59 नये जिलाध्यक्षों का नाम जारी कर दिया है। उसमें गाजीपुर जिले के जिलाध्यक्ष का नाम नही था। सूची प्रकाशित होते ही जिले के चट्टी-चौराहो और राजनैतिक गलियारो में चर्चा होने लगी कि जिले के दो दिग्गज नेताओं के बीच चल रही मूंछ की लड़ाई में अब जिलाध्यक्ष का पेंच फंस गया है।
भाजपा अबतक सर्वसम्मत से जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा कर देती थी लेकिन सत्ता में आने के बाद इस बार जिला अध्यक्ष का पद काफी प्रतिष्ठापरख हो गया था, जिसको पाने के लिए 22 लोगो ने पर्चा दाखिल किया। निर्वाचन अधिकारी नरेंद्र सिंह ने 10 लोगो का पर्चा खारिज कर दिया। शेष 12 लोग मैदान में बच गये थे जिनकी रिपोर्ट प्रदेश हाईकमान को भेज दी गयी थी। 12 लोगो में अनिल कुमार पांडेय, निवर्तमान जिलाध्यक्ष भानूप्रताप सिंह, राघवेंद्र सिंह, ओमप्रकाश राय, अरबिंद प्रजापति, कमलेश सिंह, श्यामराज तिवारी, अखिलेश कुमार सिंह, बृजनंदन सिंह, सुनील कुमार सिंह, ओमप्रकाश राय तथा रिद्धिनाथ पाडेय शामिल है।
निवर्तमान जिलाध्यक्ष भानूप्रताप सिंह ने भी अपना रिनीवल कराने के लिए अपने राजनीतिक आका के साथ मिलकर बेजोड़ रणनीति बनाई थी, इनका रिनीवल लगभग तय था। इसी बीच जिले के दिग्गज नेता वर्तमान केंद्रीय मंत्री ने अपने समर्थको के लिए मैदान में खूटा ठोंक दिया और निवर्तमान जिलाध्यक्ष अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा रोक दिया। इस बात की चर्चा पूरे जिले में है। अब जिलाध्यक्ष पद पर अपने समर्थको के नियुक्ति के लिए वर्तमान व भूत के बीच जंग छिड़ गयी है। देखना है कि बाजी किसके पाले में आती है। राजनीतिक गलियारो में चर्चा है कि भूत व वर्तमान के बीच मूंछ की लड़ाई में कहीं योगी जी का चेला बाजी न मार जाये।