गाजीपुर: लंबी और व्यापक है फर्जी आयुष्मान योजना के गोल्डेन कार्ड की कड़ी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जिला अस्पताल की आइडी से कई प्रांतों में बने व जनरेट हुए आयुष्मान योजना के गोल्डेन कार्ड धांधली की कड़ी लंबी और व्यापक है। जिस तरीके से एक नहीं बल्कि सभी तीनों स्तरों पर इसकी अनदेखी की गई वह बहुत कुछ बयां कर रही है। बकायदा जांच हो इसकी जड़ें देश के और कोनों में मिले तो अतिशयोक्ति नहीं।
आयुष्मान योजना का लाभ देने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2011 में हुए आर्थिक जनगणना के आधार पर वास्तविक पात्र परिवार को लाभार्थी बनाया। प्रदेश में संचालित पूरी योजना की देख-रेख के साथ गोल्डेन कार्ड के जनरेट करने तक जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था साचीज को दी गई। इसके बाद कार्यदायी संस्था ने लाभार्थियों की पूरी जांच-पड़ताल के साथ गोल्डेन कार्ड जनरेट करने की जिम्मेदारी थर्ड पार्टी (हेरिटेज हेल्थ इंश्योरेंस टीपीए प्राइवेट लिमिटेड) को सौंप दिया। जिले स्तर की आइडी से जब किसी लाभार्थी व उसके परिवार का गोल्डेन कार्ड जनरेट करने के लिए बीआइएस पोर्टल पर अपलोड किया जाता है तो आनलाइन पूरी जानकारी थर्ड पार्टी के पास पहुंचती है, जो पूरी जांच व पड़ताल के साथ गोल्डेन कार्ड को जनरेट करता है।
अगर किसी पात्र पर संदेह होता है तो वह उसे लखनऊ में बैठे कार्यदायी संस्था के अधिकारियों के पास भेजा जाता है, जो पूरी छानबीन के बाद सही-गलत का निर्णय लेते हैं। ऐसे में जिला अस्पताल की आइडी से विभिन्न प्रांतों में बन रही गोल्डेन कार्ड की जांच क्यों नहीं की गई यह बड़ा और अहम सवाल है। यही नहीं इस पूरे गड़बड़ झाले की जानकारी तब हुई जब झांसी के सीएमओ ने इसका जिक्र किया। इससे साफ प्रतीत होता है कि अगर इसकी गहनता पूर्वक जांच की जाए तो इस गड़बड़झाले की लंबी कड़ी पकड़ में आ सकती है।