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गाजीपुर: स्कूल में मवेशी बांध किसानों ने किया हंगामा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर पशुओं के आतंक से आजिज कनेरी के किसानों ने सैकड़ों मवेशियों को रविवार को हांककर गांव के प्राथमिक पाठशाला में बन्द कर दिया। लिहाजा सोमवार को स्कूल पहुंचे बच्चे व शिक्षक बगल में स्थित मंदिर पर शरण लेने को विवश रहे। सूचना पाकर जखनियां एसडीएम, सैदपुर तहसीलदार और मुख पशु चिकित्साधिकारी के साथ ही पुलिसबल के साथ एसओ मौके पर पहुंचे। डीएम और सीडीओ से वार्ता कर अधिकारियों ने स्कूल में बंधे मवेशियों को ट्रक व पिकअप से करीमुद्दीनपुर, सादात और देवकली स्थित गो आश्रय स्थल पर भिजवाया। तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ। थाना क्षेत्र के ग्राम कनेरी में छुट्टा घूम रहे पशुओं के आतंक से गुस्साए किसानों ने रविवार को सैकड़ों पशुओं को पकड़ कर गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में बांध दिया। जानकारी के बाद अफसरों में हड़कंप मच गया। 

मामला डीएम और सीडीओ के संज्ञान में पहुंचने के बाद मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. रविन्द्र प्रताप सिंह, एसडीएम अभय मिश्रा, तहसीलदार दिनेश प्रसाद, बीडीओ गोपाल यादव, प्रमुख प्रतिनिधि कमलेश सिंह हकाडू, एसओ रविन्द्र भूषण मौर्य व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। उच्चाधिकारियों को ग्रामीणों की समस्या से अवगत कराकर मवेशियों के रहने-खाने की वैकल्पिक व्यवस्था हुई। मवेशियों को ट्रकों और पिकअप में लादकर करीमुद्दीनपुर, देवकली व सादात के गोवंश आश्रय स्थलों पर भेजा गया। हद तो तब हो गयी जब पिकअप में लादकर सादात ले जाते समय एक गाय ने दम तोड़ दिया। उधर प्राथमिक विद्यालय में मवेशियों के बंधे होने के कारण ज्यादातर बच्चे स्कूल ही नहीं आये। पंजीकृत 142 में से केवल 48 बच्चे उपस्थित रहे। हेडमास्टर शकुंतला एवं दो शिक्षामित्र व एक सहायक अध्यापक इन्हें बगल में स्थित मंदिर पर बिठाकर पढ़ाते नजर आए। 

सीडीओ के निर्देशानुसार करीब डेढ़ सौ मवेशियों को सादात के गोवंश आश्रय स्थल पर भेजा गया। जबकि ईओ संदीप सिंह इतने पशुओं को रखने खिलाने आदि की व्यवस्था न कर पाने का हवाला देते हुए आनाकानी करते रहे। तकरीबन चार घंटे की मशक्कत के बाद मवेशियों को करीमुद्दीनपुर, देवकली और सादात के गो आश्रय स्थल पहुंचाने के बाद स्कूल कैम्पस को खाली कराया जा सका।

स्कूल में मवेशियों के बंधे होने के कारण नहीं बना एमडीएम
सादात प्राथमिक विद्यालय कनेरी में ग्रामीणों द्वारा मवेशियों को बांधे जाने के चलते एमडीएम का भोजन नहीं बना। बगल में स्थित मंदिर पर पढ़ने वाले उपस्थित 48 बच्चों में से जो बच्चे घर से टिफिन लाये थे वह ही खा सके बाकी भूखे पेट ही रहे। ऐसे में उन्हें काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। हांलाकि हेडमास्टर शकुंतला व शिक्षकों ने अपनी तरफ से इन्हें बिस्कुट आदि उपलब्ध कराया।

ग्रामीणों ने किया मदद का कार्य 
स्कूल में बंधे मवेशियों को ट्रक पर लादकर अन्यत्र पहुंचाने में कनेरी के ग्रामीणों ने काफी मदद किया। खासतौर से युवाओं की इस कार्य में सराहनीय भागीदारी रही। प्रमुख प्रतिनिधि कमलेश सिंह हकाडू एवं उनके पिता पूर्व प्रधान अभिमन्यु सिंह ने युवाओं को इस कार्य के लिए प्रेरित किया। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग किया है कि मवेशियों के आश्रय स्थल को जल्द से जल्द तैयार कराकर इन्हें संरक्षित करने का कार्य किया जाय।

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