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अब स्मार्ट मीटर ने उपभोक्ताओं को ठगा, ऊर्जा मंत्री ने दिए जांच के आदेश !

प्रारंभिक जांच में स्मार्ट मीटर (Smart Meter) में खराबी की शिकायत सही मिलने पर न सिर्फ स्मार्ट मीटर की निर्माता कंपनी पर कई गंभीर सवाल खड़े हो गये हैं बल्कि ऊर्जा विभाग की भी खूब फजीहत हो रही है जिसके चलते ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा (Shrikant Sharma) ने इस पूरे मामले की जांच के निर्देश दिये हैं
उत्तर प्रदेश में बीते दिनों हजारों करोड़ के बकाया बिजली बिल की समस्या से निजात पाने के लिये स्मार्ट मीटर (smart meter) योजना का शुभारंभ किया गया था और सबसे पहले खुद उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा (Energy Minister Shrikant Sharma) ने 15 नवंबर 2019 को अपने सरकारी आवास पर स्मार्ट मीटर लगाकर इस योजना का शुभारंभ किया था. जिसके बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में युद्धस्तर पर स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य शुरू हुआ और अब तक करीब 7 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाये जा चुके है.

ऊर्जा विभाग की भी खूब फजीहत!
लेकिन इस बीच इन स्मार्ट मीटरों में उपभोक्ताओं के भार और यूनिट में कई गुना बढ़ोत्तरी हो जाने से उपभोक्ताओं को बड़ा आर्थिक झटका लगने की ताबड़तोड़ शिकायतों से हड़कंप मच गया. क्योंकि प्रारंभिक जांच में स्मार्ट मीटर में खराबी की शिकायत सही मिलने पर न सिर्फ स्मार्ट मीटर की निर्माता कंपनी पर कई गंभीर सवाल खड़े हो गये हैं बल्कि ऊर्जा विभाग की भी खूब फजीहत हो रही है जिसके चलते ऊर्जा मंत्री ने इस पूरे मामले की जांच के निर्देश दिये हैं.


news 18 से बात करते हुए प्रमुख सचिव ऊर्जा अरविन्द कुमार ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया है कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न डिस्कामो में जुड़े करीब 3 हजार उपभोक्ताओं द्वारा स्मार्ट मीटर के भार और यूनिटो में एक बड़ा इजाफा हो जाने की शिकायत की है जिससे उनके फिक्सड चार्ज में बढ़ोत्तरी हो गई है. उन्होंने कहा 'हम इन शिकायतों की जांच करा रहे हैं. जहां भी हमें स्मार्ट मीटर के साफ्टवेयर में खराबी मिलेगी वहां साफ्टवेय़र की खराबी का उपभोक्ताओ को कोई खामियाजा नही भुगतना पड़ेगा क्योंकि हमारे पास उपभोक्ताओं की डिमांड का ट्रेंड मौजूद है. अगर उसकी डिमांड में जंप दिखाई देता है तो हम उसे ट्रैक कर लेंगे और उसी ट्रेकिंग के चलते कुछ मीटर्स मे डिफेक्ट सामने आया है. ऐसे उपभोक्ताओ के बिल भी हम सही कर रहे हैं'.


प्रमुख सचिव ऊर्जा अरविन्द कुमार ने आगे बताते हैं कि डायरेक्टर कमर्शियल ने स्मार्ट मीटर लगाने वाले भारत सरकार के उपक्रम एनर्जी एफिसिएंशी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) को पत्र भेजकर ये सुनिश्चित करने का निर्देश दे दिया है कि भविष्य में इस तरह की समस्या सामने न आये. उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. फिलहाल जांच का नतीजा कुछ भी हो अभी तो ये स्मार्ट मीटर हजारों उपभोक्ताओं के लिए सरदर्द ही बने नजर आ रहे हैं.

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