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योगी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए जारी किया ये नया फरमान

गन्ना विभाग का नये फरमान के अनुसार पर्ची जारी होने के 72 घंटे बाद सप्लाई पर रोक के साथ सूखा गन्ना मिलने पर सट्टा भी होगा बंद
उत्तर प्रदेश के गन्ना विभाग (Sugarcane Department) ने एक नया फरमान जारी कर दिया है. जिससे सूबे के 50 लाख गन्ना किसानों (Sugarcane Farmer) के साथ उनपर आश्रित करीब ढाई करोड़ लोगों में हडकंप मच गया है. क्योंकि गन्ना विभाग ने एक ओर जहां चीनी मिलों को गन्ना पर्ची जारी होने के 72 घंटे के भीतर ही गन्ना सप्लाई किये जाने का निर्देश जारी कर दिया है. वहीं इस दौरान गन्ना सूखा मिलने पर संबंधित किसान के सट्टे को भी अब बंद कर दिये जाने का नया फरमान जारी कर दिया है.

ई-गन्ना एप पर कैलेंडर देख न कटवाएं गन्ना
हैरत की बात यह है कि बीते 13 नवंबर 2019 को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 'ई-गन्ना एप' को लांच किया था. और इस 'ई-गन्ना एप' के जरिये गन्ना विभाग द्वारा किसानों को उनके गन्ने से जुडी हर एक जानकारी उपलब्ध कराने का दावा किया गया था. लेकिन अब जहां खुद प्रमुख सचिव गन्ना संजय आर भूसरेड्डी एक ओर ई-गन्ना एप पर मौजूद पर्ची कैलेंडर के मुताबिक पर्ची न मिल पाने का सच स्वीकार कर रहे हैं, तो वही किसानों को अब 'ई-गन्ना एप' पर मौजूद अपने कैलेन्डर को देखकर गन्ने की कटाई करने के बजाय ईआरपी सिस्टम के तहत जारी होने वाली SMS पर्ची मिलने के बाद ही गन्ना कटाने का निर्देश देते नजर आ रहे हैं.


SMS पर्ची मिलने के 72 घंटे बाद नहीं होगी गन्ना सप्लाई
प्रमुख सचिव गन्ना संजय आर भूसरेड्डी बताते है कि 'किसानों को गन्ने से संबंधित जानकारी देने के लिये प्रदेश में ईआरपी व्यवस्था लागू कर दी गई है, लेकिन घोसी, सठियांव और मुंडेरवा पिपराईच समेत कुछ निजी चीनी मिलों से जुडे किसान 'ई-गन्ना एप' पर अपने कैलेंडर को देखकर गन्ने की कटाई कर रहे हैं, जबकि कैलेंडर में निर्धारित समय के अनुसार पर्ची जारी करने में अचानक आई कठिनाईयों और मौसम खराब होने के कारण विलम्ब सम्भावित रहता है.'


गन्ना सूखा मिलने पर अब सट्टा भी होगा बंद
प्रमुख सचिव गन्ना संजय आर भूसरेड्डी के मुताबिक 'किसानों को गन्ना आपूर्ति की सूचना SMS के जरिये दी जा रही है. इसलिये किसानो को अब SMS पर्ची मिलने के बाद ही अपने गन्ने की कटाई कर 72 घंटे के अंदर गन्ने की सप्लाई करनी होगी. क्योंकि एक ओर जहां 72 घंटे के पहले कटे गन्ने का वजन 7 से 8 फीसदी कम हो जाता है, वहीं दूसरी ओर प्रति 24 घंटे के विलंब पर .25 प्रतिशत रिकवरी भी घट जाती है. जिससे किसान और मिल दोनो का नुकसान होता है. इसलिये अब किसी भी दशा में चीनी मिलों द्वारा 72 घंटे पुराना कटा हुआ गन्ना नहीं लिया जायेगा. और ऐसा करने पर किसानों का अब सट्टा भी बंद कर दिया जायेगा.

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