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पहले भी एक अफगानी का फर्जी पासपोर्ट बनवा चुका है आजमगढ़ का साहबे

अफगानी युवक को फर्जी पासपोर्ट के जरिये कुवैत भेजवाने की जुगत करने वाला आजमगढ़ का साहबे आलम पहले से इस तरह के धंधे में लिप्त रहा है। इसके पहले भी उसने एक अफगानी युवक का पासपोर्ट बनवाया था, हालांकि वह कुवैत नहीं जा सका था। भारतीय पासपोर्ट के जरिये अफगानियों को कुवैत भेजवाने के लिए साहबे कुवैत के किसी अली नामक युवक के संपर्क में था। 

कुवैत रिटर्न है साहबे आलम 
पुलिस व जांच एजेंसियों की पूछताछ में साहबे आलम ने कबूला है कि वह दो साल के वर्किंग वीजा पर साल 2013 में कुवैत गया था। वहां पर वेल्डिंग का काम करने गया था। इसके लिए उसे 200 दीनार प्रति माह मिलते। वहां उसे बकरी चराने के काम में लगा दिया गया, जिसके लिए उसे केवल 55 दीनार ही मिलते थे। दो साल का वर्किंग वीजा जब खत्म होने लगा होने तो भारत न आने के चक्कर में अपने मकान मालिक के यहां ही सारा सामान छोड़कर भाग गया।

कुवैत के अली से मिला पासपोर्ट का आइडिया
कुवैत में ही उसकी मुलाकात अफगानी युवक अली से हुई। उसी के यहां वह 2018 तक रहा। साल 2018 में कुवैत सरकार ने वन टाइम आउटपास का नियम बनाया, जिसके तहत आदेश जारी किया गया कि अनाधिकृत रूप से कुवैत में रह रहे सभी बाहरी चले जाएं। इस पर वह अली की मदद से आपातकालीन आउटपास लेकर भारत आ गया। लौटते समय अली ने उसे बताया था कि अफगानिस्तान के अनेक युवक यहां काम करने आना चाहते हैं। अगर वह भारतीय पासपोर्ट बनवाकर अफगानिस्तानी युवकों को यहां भेजवाये तो उसे रुपये मिलेंगे। साल 2018 में कुवैत से आने के बाद साहबे आलम इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो गया। 


पुलिस के अनुसार साहबे इसके पहले करमतुल्ला नामक अफगानी युवक का पासपोर्ट मो. ताहिर के नाम से बनवा चुका है। हालांकि करततुल्ला को कुवैत में वर्किंग वीजा नहीं मिल सका, इस कारण कुवैत नहीं गया। फिलहाल उसके भारत में ही होने की आशंका है। उक्त अफगानी का भी पता आजमगढ़ के फूलपुर के चमराडीह का ही है। पुलिस के मुताबिक करमतुल्ला अब साहबे आलम के संपर्क में नहीं है। उसकी तलाश की जा रही है। 

अफगानी के पासपोर्ट के लिए आजमगढ़ में बना वोटर कार्ड और आधार
आजमगढ़ में फूलपुर के चमराडीह के साहबे आलम (28) ने अपने जिले में ही अफगानी युवक आबिद अब्दुल्ला (25) को पहले मतदाता पहचान पत्र, फिर उसके बाद आधार कार्ड बनवाया था। दोनों कार्ड बनने के बाद वह पासपोर्ट बनवाने बनारस पहुंचा था जहां गिरफ्तार कर लिया गया। आबिद भी गिरफ्तार हुआ है। पासपोर्ट बनवाकर कुवैत भेजवाने के लिए आबिद ने साहबे आलम को 20 हजार रुपये दिये थे। 

एसपी सिटी दिनेश सिंह ने बताया कि अफगानिस्तान के गर्दिश प्रांत के एबदबा के सलामखेर गांव निवासी आबिद अब्दुल्ला (25) साहबे आलम के संपर्क में था। आबिद कुवैत जाकर काम करना चाहता था। कुवैत ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान, इराक और सीरिया के नागरिकों के लिए वीजा बैन कर रखा है। इसलिए अब्दुल्ला ने साहबे के जरिए भारतीय पासपोर्ट बनवाने की सोची।

इसके लिए साहबे आलम ने पहले आबिद का मतदाता पहचान पत्र मो. जावेद के नाम से  चमराडीह के पते पर बनवाया। उसमें आबिद के पिता का नाम लौटू था। यह मतदाता पहचान पत्र आजमगढ़ के निजामाबाद स्थित एक दुकान से स्कैनिंग कर 50 रुपये में बनवाया गया। इसके बाद साहबे आबिद को सूचित किया। आबिद मेडिकल वीजा पर 11 जनवरी को भारत आया। छह दिन तक दिल्ली में रहा। 16 जनवरी को साहबे आलम ने पासपोर्ट बनवाने के लिए आजमगढ़ आने के लिए कहा। 17 जनवरी को आबिद आजमगढ़ पहुंचा और साहबे आलम के घर पर रूका।


इसके बाद आबिद के आधार कार्ड के लिए आवेदन किया। 24 जनवरी को आधार कार्ड नंबर जारी हो गया। 25 जनवरी को आधार कार्ड डाउनलोड करने के बाद पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया। 31 जनवरी को महमूरगंज स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय पर उसे डाक्यूमेंट के वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया था। आबिद यहां भाषाई दिक्कत के दौरान पकड़ा गया। उस दिन साहबे आलम भाग गया। साहबे आलम ने आबिद का मेडिकल वीजा भी फाड़ दिया। 

साहबे आलम ने पुलिस को बताया कि घर की माली हालत ठीक न होने के कारण मजबूरी में इस काम में लगा था। दोनों पर धोखाधड़ी, फर्जी तरीके से कागजात तैयार करने और विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। दोनों की गिरफ्तारी करने वाली टीम में भेलूपुर इंस्पेक्टर राजीव रंजन उपाध्याय, एसआई मुकेश तिवारी, प्रकाश सिंह, राहुल यादव, सिपाही राजन पांडेय, विनीत सिंह शामिल थे।

निजामाबाद के दुकानदार समेत तीन की तलाश
निजामाबाद में जिस दुकान से अफगानी युवक आबिद का फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनवाया गया था, पुलिस उसके समेत दो अन्य की तलाश कर रही है। तीनों इस पूरे मामले में संलिप्त रहे। एसपी सिटी ने बताया कि एक अन्य अफगानी युवक का पासपोर्ट बनवाने के मामले में फूलपुर पुलिस साहबे आलम पर कार्रवाई करेगी। 


अफगानी युवक ने भारत को मित्र राष्ट्र बताया 
वाराणसी। एसपी सिटी ने बताया कि पकड़ा गया अफगानी युवक आबिद देश में किसी संदिग्ध गतिविधियों में शामिल नहीं रहा है। ना ही किसी तरह के संगठन से उसका संबंध है। उसने भारत को राष्ट्र मित्र बताया। कहा कि काम की लालच में वह फंस गया। 

बरामद सामग्री
अफगानी युवक के पास से एक मोबाइल फोन, उसका अफगानिस्तान का पासपोर्ट, भारतीय आधार कार्ड, वोटर कार्ड और आजमगढ़ निवासी युवक के पास से दो मोबाइल फोन, आपाती आउटपास प्रमाणपत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड बरामद किया गया। 


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