योगी कैबिनेट के इस फैसले के बाद VRS लेने वाले यूपी के कर्मचारियों की बढ़ी मुश्किलें
इसका सबसे ज्यादा असर सरकारी डॉक्टरों (Government Doctors) पर देखने को मिलेगी. बड़ी संख्या में सरकारी डॉक्टर वीआरएस (VRS) ले लेते थे लेकिन, अब उन्हें ऐसा करने के लिए और लम्बा इंतजार करना पड़ेगा.
योगी सरकार (Yogi Government) ने उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों से जुड़े नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है. ये नियम स्वैच्छिक सेवानिवृति (VRS) लेने वाले कर्मचारियों पर लागू होगा. अब समय से पहले वीआरएस लेने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ जाएंगीं. इसके तहत 20 साल की सर्विस पूरी करने से पहले जो भी कर्मचारी वीआरएस लेगा, उसे फुल पेंशन नहीं मिलेगी. योगी कैबिनेट ने ये प्रस्ताव पास कर दिया है. माना जा रहा है कि जल्द ही इसे विधानसभा से भी पास कराया जायेगा.
योगी कैबिनेट ने यूपी फण्डामेण्टल रूल्स 1942 के नियम 56 में संशोधन का प्रस्ताव पास कर दिया है. विधानसभा से पास होने के साथ ही ये कानून बन जायेगा. इसके मुताबिक वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों को यदि पूरी पेंशन चाहिए तो उन्हें 20 साल की सर्विस पूरी करनी होगी. नियम में इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर उन डॉक्टरों पर पड़ेगा, जो कभी भी सर्विस छोड़कर वीआरएस ले लेते थे.
20 साल सर्विस पूरी करनी पड़ेगी
नये नियम के मुताबिक उन्हें 20 साल की सर्विस पूरी करनी पड़ेगी, तभी उन्हें पूरी पेंशन मिल पाएगी. डॉक्टरों पर इसका असर ज्यादा इसलिए होगा क्योंकि राज्य सरकार के दूसरे विभागों के कर्मचारी बहुत कम वीआरएस लेते हैं.
अब राज्य सरकार से नहीं मिलेगा 5 साल का ग्रेस पीरियड
अभी तक के नियम के मुताबिक वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों को राज्य सरकार 5 साल का ग्रेस पीरियड देती थी. यानी यदि कोई कर्मचारी 20 साल के बजाय 15 साल में ही वीआरएस ले लेता था, तब भी उसे पूरी पेंशन मिलती थी. लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा. इस ग्रेस पीरियड को योगी सरकार ने खत्म कर दिया है. अब यदि पूरी पेंशन का लाभ लेना है तो 20 साल की सर्विस पूरी करनी ही होगी.
सबसे ज्यादा असर सरकारी डॉक्टरों परइसका सबसे ज्यादा असर सरकारी डॉक्टरों पर देखने को मिलेगी. बड़ी संख्या में सरकारी डॉक्टर वीआरएस ले लेते थे लेकिन, अब उन्हें ऐसा करने के लिए और लम्बा इंतजार करना पड़ेगा. बता दें जब यूपी सरकार ने छठवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया था, तब ये नियम आया था कि 20 साल की सर्विस पर ही पूरी पेंशन मिलेगी. उससे पहले पूरी पेंशन लेने के लिए 33 साल की सर्विस जरूरी होती थी.
केंद्र में पहले से लागू है ये व्यवस्था
यूपी सरकार ने जिस फण्डामेण्टल रूल में संशोधन किया है, इसे केन्द्र सरकार ने बहुत पहले ही लागू कर दिया था. अब राज्य सरकार ने भी इसे अपना लिया है. हालांकि अभी संशोधन का प्रस्ताव सिर्फ कैबिनेट से पास किया गया है. इसे विधानसभा और विधानपरिषद से भी पास कराया जाना जरूरी है, तभी एक्ट में संशोधन हो पायेगा.