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क्‍या आप जानते हैं गैस सिलेंडर पर होता 50 लाख का बीमा, बस करना है इतना सा काम

प्रदेश भर में लगातार गैस सिलेंडर फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं। परंतु घटना होने के बाद बीमा देने का प्रावधान होने के बाद भी लोगों को लाभ नहीं मिल पाता है। इसकी वजह है कि लोगों में जानकारी का अभाव। बीमा भी तभी मिलता, जब उपभोक्ता ने निर्धारित सर्विस चार्ज भरा हो। परंतु लोग जानकारी के अभाव में मामूली रकम सर्विस चार्ज की नहीं भर पाते। ऐसे में दुर्घटना होने के बाद बीमा नहीं मिलता।

लाखों गैस सिलेंडर उपभोक्ता हैं, लेकिन इनमें 10 फीसद ने भी बीमा का लाभ लेने के लिए सर्विसिंग चार्ज के रुपये नहीं भरते। जबकि उपभोक्ता 236 रुपये सर्विस चार्ज देकर बीमा स्कीम का फायदा उठा सकते है। इतना ही नहीं जिस एजेंसी को ये चार्ज  देंगे उसका कर्मचारी नियमित तौर पर उपभोक्ता के घर जाकर कनेक्शन की जांच करेंगे। जिसमें कर्मचारी रेग्युलेटर, चूल्हा के साथ गैस सप्लाई पाइप में आई तकनीकि कमी को भी दूर करेंगे। पांच साल पूरा होने के बाद दूसरी बार फिर से इतने रुपये भरकर सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है।

एजेंसी कर्मचारी चूल्हा, रेग्युलेटर व नली की नहीं करते जांच
जिन उपभोक्ताओं ने गैस एजेंसी में सर्विसिंग चार्ज के 236 रुपये जमा करवा दिए। उन उपभोक्ताओं के एजेंसी संचालक चूल्हा, रेग्युलेटर व नली की जांच करने के लिए उनके घर नियमित तौर पर जाना होता है। इसके अलावा कभी परेशानी आने पर उपभोक्ता एजेंसी में फोन करके या लिखित में भी शिकायत देकर तकनीकी खामी को दूर कर सकते है।

फतेहाबाद में 10 दिनों में हो चुकी है तीन घटनाएं
फतेहाबाद जिले में 10 दिनों में गैस सिलेंडर में आग लगने की तीन घटना हो चुकी हैं। गत 14 फरवरी को सेक्टर 3 में एक मकान में गैस सिलेंडर फट गया था। जिससे कामरेड हरनाम सिंह पुरी तरह झुलस गए थे। बाद में उनकी मौत हो गई। 17 फरवरी को गांव कुम्हारिया में एक घर में सिलेंडर लीकेज हो गया। इसके बाद अशोक नगर के एक घर में भी सिलेंडर लीकेज हो गया था। हालांकि इन दोनों घटना में सिलेंडर लीकेज होने से आग लग गई थी, लेकिन किसी प्रकार की जान-माल की हानि नहीं हुई।  

बीमा का प्रावधान कनेक्शन लेने के बाद ही तय
गैस कनेक्शन लेते ही उपभोक्ता का लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा हो जाता है। इसके तहत गैस सिलेंडर से हादसा होने पर पीडि़त बीमा का क्लेम कर सकता है। साथ ही, सामूहिक दुर्घटना होने पर 50 लाख रुपए तक देने का प्रावधान है। इसके लिए दुर्घटना होने के 24 घंटे के भीतर संबंधित एजेंसी व लोकल थाने को सूचना देनी होगी और दुर्घटना में मृत्यु होने पर जरूरी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना होगा। एजेंसी अपने क्षेत्रीय कार्यालय और फिर क्षेत्रीय कार्यालय बीमा कंपनी को मामला सौंप देता है।

सर्विस चार्ज के अलावा ये भी शर्तें करनी होगी पूरी
घर में इस्तेमाल होने वाला गैस कनेक्शन वैध होना चाहिए। साथ ही आइएसआइ मार्क वाले गैस चूल्हे का ही उपयोग हो। गैस कनेक्शन में एजेंसी से मिली पाइप-रेग्युलेटर ही इस्तेमाल हो। गैस इस्तेमाल की जगह पर बिजली का खुला तार न हो। चूल्हे का स्थान, सिलेंडर रखने के स्थान से ऊंचा हो।

नियमित तौर पर चलाते है अभियान : डीएफएससी
डीएफएससी प्रमोद कुमार शर्मा ने कहा कि उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए नियमित तौर पर अभियान चलाते है। इस अभियान में सभी प्रकार की योजनाओं की जानकारी देते है, वहीं आपातकालीन स्थित में बचाव के तरीके भी बताए जाते है। इस बारे में विभाग की तरफ से संबंधित एजेंसी संचालकों को भी हिदायत दी जाती है कि वे लोगों को योजनाओं के बारे में जागरूक करें। यदि उपभोक्ताओं को बीमा संबंधित जानकारी नहीं है तो मैं एजेंसी संचालकों को निर्देश दूंगा कि वे लोगों को जागरूक करें।

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