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गाजीपुर: 13.9 लाख के गबन का आरोपित सचिव बना एडीओ पंचायत


गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर मरदह ब्लाक के दो गांव पारा और खजूरगांव में हुए 13 लाख नौ हजार तीन सौ रुपये के गबन का आरोपित सचिव इसी ब्लाक में एडीओ पंचायत कार्य देख रहा है। इसको लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। उनका आरोप है कि विभागीय मिलीभगत के कारण गबन के आरोपित सचिव पर कार्रवाई करने के बजाय उनका प्रमोशन करते हुए एडीओ पंचायत बना दिया गया है। इतना ही नहीं दोनों गांवों में हुए गबन के आरोपित प्रधानों सहित सचिव पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं डीपीआरओ का कहना है कि उनका प्रमोशन नहीं बल्कि पद रिक्त होने के कारण कुछ समय उक्त सचिव कार्य देख रहे हैं।

मरदह ब्लाक के पारा और खजूरगांव गांव में तत्कालीन सचिव प्रभाकर पांडेय के कार्यकाल में सरकार के पैसों का जमकर बंदरबाट किया गया। शिकायत पर जब इसकी जांच हुई तो पारा गांव में आठ लाख 12 हजार दो सौ रुपये तत्कालीन प्रधान रामप्रवेश यादव व सचिव प्रभाकर पांडेय और खजूरगांव प्रधान मन्नू और तत्कालीन सचिव प्रभाकर पांडेय पर चार लाख 97 हजार एक सौ रुपये के गबन का आरोप सिद्ध हुआ। इसको लेकर प्रधान, पूर्व प्रधान व सचिव के खिलाफ गबन की आधी- आधी धनराशि वसूल करने का निर्देश जारी हुआ। आरोप है कि आदेश जारी हुए महीनों हो गए लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। इतना ही दोनों गांवों में गबन के आरोपित सचिव करीब 10 दिनों से मरदह ब्लाक में ही एडीओ पंचायत का कार्य देख रहे हैं। अब सवाल यह है कि गबन के आरोपित सचिव को कैसे एडीओ पंचायत का प्रभार दे दिया गया? यह तो प्रभार देने वाले अधिकारी ही जानते होंगे, लेकिन इसको लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। इस संबंध में ग्रामीणों ने सीडीओ सहित जिलाधिकारी को पत्रक सौंपकर मामले से अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग कर चुके हैं।

सचिव प्रभाकर पांडेय का प्रमोशन नहीं हुआ है। वह कुछ दिनों के लिए एडीओ पंचायत का कार्य देख रहे हैं। गबन का आरोप सिद्ध होने के बावजूद कार्रवाई न होने का मामला संज्ञान में नहीं है। इसको हम कल ही दिखवा लेते हैं। अगर ऐसा मामला होगा तो संबंधितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।-अनिल सिंह, डीपीआरओ।
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