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गाजीपुर: अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में मंत्रोचार के बीच यज्ञ हवन प्रारंभ

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में चल रहे 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के आज दूसरे दिन प्रातः 8:00 बजे से वैदिक मंत्रोचार के बीच यज्ञ- हवन का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ. मीडिया प्रभारी विद्यासागर उपाध्याय ने बताया कि सभी 108 कुंडो पर  सैकड़ों श्रद्धालुओं से यज्ञ मंडप खचाखच भरा हुआ था। यज्ञ व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालन एवं श्रद्धालुओं द्वारा होम अर्पित करने हेतु युवा मंडल की टोली 25-25 कुडों का निरीक्षण कर रहे थे। यज्ञ धूम से पूरा लंका मैदान परिसर दिव्य ऊर्जा को आत्मसात करते हुए परम पूज्य गुरुदेव, मां गायत्री, एवं यज्ञ भगवान का दैवीय प्रसाद सहज रूप से प्राप्त किए। यज्ञ के दौरान विविध संस्कार भी संपन्न कराए गए। इसी दौरान कलश पूजन का विधिवत पूजन किया गया।  

कलश पूजन के मुख्य यजमान रेवतीपुर ब्लाक प्रमुख मुकेश राय सपतनिक पूजा अर्चन किए। यज्ञ की महिमा पर प्रकाश डालते हुए शांतिकुंज हरिद्वार के टोली नायक अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि” यज्ञ का धूम्र आकाश में बादलों में जाकर खाद बनकर मिल जाता है। वर्षा के जल के साथ जब वह पृथ्वी पर आता है तो उससे परीपुष्ट अन्न, घास तथा वनस्पतियां उत्पन्न होती हैं, जिसके सेवन से मनुष्य तथा पशु-पक्षी सभी परीपुष्ट होते हैं। यज्ञ अग्नि के माध्यम से शक्तिशाली बने मंत्रोचार के ध्वनि -कंपन सुदूर क्षेत्र में बिखर कर लोगों का मानसिक परिष्कार करते हैं। फलस्वरूप शरीरों की तरह मानसिक स्वास्थ्य भी बढ़ता है। 

सर्वश्रेष्ठ यज्ञ वह है ,जिसमें व्यक्ति ब्रह्ममय-ब्रह्मनतव भरा देवोंपम जीवन जीते हुए स्वयं को अपने शरीर, मन ,अंतःकरण को परिष्कृत करता हुआ चला जाता है। यज्ञ परमार्थ प्रयोजन के लिए किया गया एक उच्चस्तरीय पुरुषार्थ है। यज्ञ भारतीय संस्कृति के मनीषी ऋषि गणों द्वारा सारी वसुंधरा को दी गई ऐसी महत्वपूर्ण दिन है जिसे सर्वाधिक फलदाई एवं समग्र पर्यावरण केंद्र ईकोसिस्टम के ठीक बने रहने का आधार माना जा सकता है। अग्नि जब तक जीवित है उष्णता एवं प्रकाश की अपनी विशेषताएं नहीं छोड़ती। उसी प्रकार हमें भी अपने गतिशीलता की गर्मी और धर्म परायणता की रोशनी घटने नहीं देना चाहिए। 

जीवन भर पुरुषार्थी और कर्तव्यनिष्ठ रहना चाहिए। इसी क्रम में शांतिकुंज हरिद्वार की केंद्रीय टोली से महान वक्ता विद्वान रविंद्र शास्त्री जी ने आम जनमानस की समस्याओं को यज्ञ के माध्यम से उसका सार्थक निवारण बताते हुए कहा कि “यज्ञ से अदृश्य आकाश में जो आध्यात्मिक विद्युत तरंगे फैलती हैं, वे लोगों के मनों में द्वेष, पाप, अनीति, वासना, स्वार्थपरता, कुटिलता, आदि बुराइयों को हटाती है। फलस्वरूप उन से अनेक समस्याएं हल होती हैं अनेक उलझने ,चिंताएं, भय, आशंकाएं तथा बुरी संभावनाएं समूल नष्ट हो जाती हैं । मुख्य प्रबंधक ट्रस्टी सुरेंद्र सिंह ने सभी श्रद्धालुओं को पुनः सायं काल प्रवचन में आने का आवाहन किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में गायत्री परिवार जनपद गाजीपुर का योगदान हैl

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