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कानपुर पुलिस का अजब कारनामा, 6 बोरी सीमेंट के बदले मिली मजदूर को रिहाई

आरोपी चौकी इंचार्ज अजय सिंह का कहना है कि मारपीट की घटना पर दिनेश को लाया गया था. बंधक बनाने का मामला गलत है, और नहीं उससे सीमेंट की बोरियां ली गयी. वहीं एसपी ग्रामीण प्रदुबन सिंह के मुताबिक मामले की तत्काल जांच क्षेत्राधिकारियों को सौंप दी है.

कानपुर (Kanpur) पुलिस एक अजब कारनामा सोमवार को सामने आया है. जहां एक मजदूर को कई दिनों तक सिर्फ इसलिये बंधक बनाये रखा कि उसके पास पैसे नहीं थे. और जब वह पैसे नहीं दे पाया तो पुलिस ने उससे 6 बोरी सीमेंट की वसूली कर ली. और कई दिनो तक चौकी मे काम करवाते रहे. दरअसल मजदूर दिनेश गांव मे शौचालय का निर्माण कर रहा था. तभी साथी मजदूर के साथ उसका विवाद हो गया.

जिसके बाद भीतरगांव चौकी इंचार्ज मौके पर पहुंचे और उन्होंने एक मजदूर राजू कुरील को तुरंत छोड़ दिया और दिनेश को अपने साथ चौकी ले आये. जहां उसके साथ मारपीट भी की और उसके बाद अपने रोज मर्रा के कार्य चौकी इंचार्ज उससे करवाने लगे. परिजनों के पहुंचने के बाद भी पुलिस ने दिनेश मजदूर को नहीं छोड़ा और उससे पैसे की मांग करने लगे. पैसे न होने की एवज में उससे वहां पर काम करवाने लगे.

चौकी में झाड़ू पोछा का काम दिनेश कई दिन तक करता रहा और जब वह थक गया तो उसने उसे छोड़ने की बात की. मगर पुलिस ने उसे नहीं छोड़ बाद मे परिजनों ने 6 बोरी सीमेंट मंगवाने के मजदूर को छोड़ दिया. दिनेश भीतरगांव का ही रहने वाला है और भट्टे मे मजदूरी करके अपनी दो जून की रोजी रोटी कमाता है. दिनेश का कहना है कि उसे अब इंसाफ चाहिये और उसने अपनी प्रताड़ना का वीडियो भी वायरल कर दिया.

आरोपी चौकी इंचार्ज अजय सिंह का कहना है कि मारपीट की घटना पर दिनेश को लाया गया था. बंधक बनाने का मामला गलत है, और नहीं उससे सीमेंट की बोरियां ली गयी. वहीं एसपी ग्रामीण प्रदुबन सिंह के मुताबिक मामले की तत्काल जांच क्षेत्राधिकारियों को सौंप दी है. जो भी दोषी पुलिसकर्मी होगें उनके खिलाफ सख्त सख्त कार्रवाई की जायेगी.
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