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60 हजार KM की तीर्थयात्रा हुई पूरी, इस शख्‍स ने पुलवामा पहुंचाई सभी 40 शहीदों के घरों की मिट्टी

उमेश गोपीनाथ जाधव अजमेर में एक संगीत समारोह के बाद बेंगलुरु लौट रहे थे. उन्होंने जयपुर हवाई अड्डे के टीवी स्क्रीन पर इस खबर को देखा. इस भयावह दृश्य को देखकर उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के लिए कुछ करने का फैसला किया.
पुलवामा हमले के एक साल पूरे होने पर कश्मीर के लेथपोरा में सीआरपीएफ परिसर में शुक्रवार को पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया है. बता दें कि पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व बल) के काफिले पर हमला किया गया था. आतंकवादियों ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी. इसमें 40 जवान शहीद हो गए और कई गंभीर रूप से घायल हो गए.

इस कार्यक्रम में 40 साल के उमेश गोपीनाथ जाधव को विशेष अतिथि के रूप में बुलाया गया है. उमेश गोपीनाथ जाधव अजमेर में एक संगीत समारोह के बाद बेंगलुरु लौट रहे थे. उन्होंने जयपुर हवाई अड्डे के टीवी स्क्रीन पर इस खबर को देखा. इस भयावह दृश्य को देखकर उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के लिए कुछ करने का फैसला किया. इसके बाद उमेश गोपीनाथ जाधव ने मृतक जवान के परिवारों से मिलने के लिए देशभर में 61 हजार किलोमीटर की यात्रा की.

उनकी यह यात्रा पिछले सप्ताह ही समाप्त हुई है. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि एक कलश में वे हर शहीद जवान के घरों के बाहर से मिट्टी इकट्ठा की है. इस मिट्टी से भरे कलश को लेकर वह पुलवामा ले जा रहे हैं. वे शहीदों की याद को जीवित रखने के लिए श्रीनगर में सीआरपीएफ को ये मिट्टी से भरा कलश देंगे.

उन्होंने बताया कि सभी जवानों के परिवारों का पता लगाना आसान काम नहीं था. उनमें से कुछ तो सुदुर देहात में थे. इस यात्रा में वे अक्सर अपनी देशभक्ति के नारे लिखे कार में ही रात को सो जाते थे, क्योंकि उनके पास होटल का बिल देने का पैसा नहीं था. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से मैं इस काम में लगा हूं. मैंने अपने जन्मदिन 21 दिसंबर को पंजाब के रोपड़ के एक सैनिक के परिवार के साथ था. जहां हमने एक साथ खाया और एक साथ रोया भी.

उमेश गोपीनाथ जाधव ने बताया कि मेरी वाइफ और दोनों बच्चों को मेरे काम पर गर्व है, मुझे उम्मीद है कि किसी दिन मेरे बच्चे सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित हो और यही मेरा इनाम होगा.

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