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गाजीपुर: किसानों ने रोका पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का काम

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर लौवाडीह गांव के किसानों ने बारिश के पानी की पर्याप्त निकासी न होने के विरोध में बुधवार को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का काम रोक दिया। इसके बाद नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। इससे निर्माणाधीन एक्सप्रेस-वे पर ट्रकों की लंबी कतार लग गई। उनका कहना है कि प्रशासन की लापरवाही से अब तक करीब 200 बीघे खेतों की बोआई नहीं हो पायी है। प्रशासन भी हीलाहवाली कर रहा है। दो घंटे बाद कार्यदायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर ने आश्वासन देकर किसानों को शांत किया।

किसानों का कहना था कि क्षेत्र के सबसे उपजाऊ और विशाल मैदान के पानी निकासी के लिए बनाए गए नाला का स्तर काफी ऊंचा है और नाकाफी है। इतने बड़े क्षेत्र का पानी केवल एक नाले से नहीं निकल पाएगा। जब तक इस समस्या का समाधान नही निकल पाता तब तक एक्सप्रेसवे का काम नहीं होने देंगे। मौके पर पहुंचे प्रोजेक्ट मैनेजर अशोक सिंह ने किसानों को नाला का लेवल दिखाया और एक मांग पत्र जमा करने को कहा ताकि बगल में एक और कलवट का निर्माण कराया जा सके। उनके आश्वासन पर किसान शांत हो गए। इसके बाद एक्सप्रेस-वे काम शुरू हो गया।

गांव में घुस गया था बारिश का पानी
करइल के लौवाडीह, बेलेसड़ी, पारो, रेड़मार, चांदपुर, हेमराजपुर का लगभग एक हजार बीघे का सबसे उपजाऊ इलाका को ताल कहा जाता है। बरसात का पानी नाला के माध्यम से गंगहर में गिरता है। गंगहर से होते हुए मगई नदी में चला जाता है। जिससे रबी की बोआई समय से हो जाती है। पूर्वाचल एक्सप्रेसवे बनने के कारण पूरी क्षमता से नाला का पानी नहीं निकल पाता है। इस बाबत कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन कोरा आश्वासन ही मिला। बरसात के शुरुआत में ही पानी गांव में प्रवेश कर दिया था। इसके चलते काफी परेशानी हुई थी।

पुलिया बनाने से दूर होगी समस्या
सबसे पहले जोगामुसाहिब के किसानों ने मगई नदी के पानी की निकासी की आवाज उठाई थी। मौके पर पहुंचकर एसडीएम और तहसीलदार तथा कार्यदायी संस्था के अधिकारी आश्वासन दिए लेकिन कुछ नहीं हुआ। इससे इलाके में आज भी बोआई नहीं हो पाई है। दूसरी समस्या रेड़मार से बेलेसड़ी चांदपुर जाने वाली प्रधानमंत्री सड़क को पूर्वाचल एक्सप्रेसवे द्वारा बंद कर दिया गया। पुलिया बनाने का आश्वासन के बावजूद कुछ नहीं हुआ।

खेतों में नहीं हो पाई है बोआई
लौवाडीह के किसान सुनील राय बच्चन, किसान ओमप्रकाश राय, सुरेंद्र राय, बुल्लू राय का कहना है कि पारो गांव का रास्ता बंद होने पर प्रदर्शन किया गया था। इसके बाद यहां तक र्सिवस रोड दी गई। पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से लौवाडीह के किसान सबसे अधिक प्रभावित हैं। पानी निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से भविष्य में यहां खेती नहीं हो पाएगी। इसलिए प्रशासन की ओर से विशेष उपाय किया जाए। आज भी इस गांव के 200 बीघा से अधिक खेत की बोआई नहीं हो पायी है।
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