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गाजीपुर: थाइलैंड व ईरान से आए तीन लोग स्वास्थ्य विभाग के सर्विलांस पर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जनपद में थाइलैंड व इरान से आए तीन लोग स्वास्थ्य विभाग के सर्विलांस पर हैं। चिकित्सकों की टीम द्वारा प्रतिदिन उनके स्वास्थ्य परीक्षण के साथ बुखार, खांसी व जुकाम की जांचकर रिपोर्ट शासन को भेजा जा रहा है। एतियात के तौर पर एन-95 मास्क, पर्सनल प्रोटेक्शन कीट व वायरस ट्रांसपोर्ट कीट की पर्याप्त मात्रा से औषधि भंडार केंद्र को लैस भी किया जा चुका है। इसके अलावा जिला अस्पताल में दस बेड का वार्ड व पीड़ति मरीजों को लाने के लिए एक एंबुलेंस भी सुरक्षित कर दिया गया है। वैसे अभी तक कोरोना वायरस का कोई लक्षण बाहर से आए लोगों में नहीं मिला है।

दुल्लहपुर व जमानियां में थाइलैंड से दो व बरेसर में ईरान से आए एक व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सर्विलांस पर रखा है। इसके तहत 28 दिनों तक जहां इनकी मानीटरिग नजदीक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डाक्टरों द्वारा की जा रही है। वहीं उन्हें भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। साथ ही सुबह व शाम डाक्टरों की टीम उनके शरीर का तापमान, खांसी व जुकाम की जांच करने के साथ रिपोर्ट तैयार करने में जुटी है। करीब एक सप्ताह से इनकी हो रही मानीटरिग के दौरान कोरोना वायरस संबंधित कोई लक्षण नहीं मिले हैं। इसके बावजूद शासन के निर्देश पर विभाग पूरी तरह से सतर्कता बरत रहा है।

मरदह, जमानियां व भांवरकोल आए लोग हैं सुरक्षित
करीब एक माह पूर्व विभिन्न देशों की यात्रा से मरदह, जमानियां व भांवकोल में आए चार लोगों की लगातार मानीटरिग स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई। करीब 28 दिनों तक चले जांच के दौरान उनकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई। इस दौरान इन सभी लोगों को बाहर आने-जाने से प्रतिबंधित कर दिया गया था, लेकिन अब वे पूरी तरह सुरक्षित हैं। इनके अंदर कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं मिले। अब यह लोग अपने परिवार के साथ हंसी-खुशी बगैर किसी तनाव के सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

वायरस ट्रांसपोर्ट मीडिया की भी है सुविधा
स्वास्थ्य विभाग के औषधि भंडार में एन-95 मास्क व पर्सनल पोटेक्शन कीट काफी मात्रा में उपलब्ध है। एन-95 मास्क को मुंह पर बांधकर व पर्सनल पोटेक्शन कीट (गाउन) पहनकर डाक्टरों की टीम पीड़ति मरीजों की जांच करती है। इसके अलावा ब्लड को जांच को वायरस ट्रांसपोर्ट मीडिया में बंदकर भेजा जाता है। यह इतना सुरक्षित होता है कि वायरस को बाहर नहीं आने देता है व एक स्थान से दूसरे स्थान पर जांच को आसानी से ले जाया जा सकता है। इसकी भी पर्याप्त मात्रा विभाग के पास है। इसके अलावा जिला अस्पताल में जहां दस बेड तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पांच-पांच बेड इसके लिए सुरक्षित किया गया है।

लक्षण

- चेहरा का लाल हो जाना।

- आंख से पानी गिरना।

- तेज बुखार व सूखी खांसी का होना।

- सांस लेने में दिक्कत।

- कमजोरी महसूस होना।

- कुछ अच्छा न लगना।

बचाव

- खांसते व छींकते समय रुमाल या कोई कपड़ा मुंह पर जरूर रखें।

- अगर कोई लक्षण दिखाई पड़ता है तो पूरा परिवार मास्क का प्रयोग करे।

- पीड़ति मरीज से बात करते समय एक हाथ से अधिक की दूरी बनाएं।

- कम से कम लोगों से हाथ मिलाएं, अनेक बार साबुन से हाथ धोएं।

- खासकर मुंह व नाक को छूने के बाद भोजन ग्रहण करने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं।

- भीड़-भाड़ वाले स्थानों जैसे बाजार, मेला व गैर स्थानों पर जाने से पहेज करें।

- जिले में अन्य देशों से आए किसी भी व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं मिले हैं। एतियात के तौर पर ऐसे लोगों की मानीटरिग डाक्टरों द्वारा की जा रही है। साथ ही प्रतिदिन की जांच रिपोर्ट शासन को भेजने का काम किया जा रहा है। खानपुर में बाहर से आए व्यक्ति में कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं। वह अपने परिवार के साथ सुरक्षित वाराणसी में है। वैसे स्वास्थ्य विभाग की ओर से पूरी तरह से सक्रियता बरती जा रही है। डा. जीसी मौर्या, सीएमओ।
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