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हिंदुस्तान में कोरोना संक्रमित मरीजों को भेजने की सूचना पर सतर्क हुईं खुफ‍िया एजेंसियां

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर। कोरोना का संक्रमण बढ़ाने के लिए नेपाल में घात लगाए 40-50 संक्रमितों के भारत में आने के फिराक में होने का खुफिया एजेंसियों से इनपुट मिलने के बाद गोरखपुर जोन से लगने वाली सीमा पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है। एसएसबी के साथ तालमेल बिठाकर स्थानीय पुलिस सीमाई इलाके में नजर रख रही है। एक देश से दूसरे देश में आवाजाही रोकने के लिए पगडंडी रास्तों पर भी पहरा बिठा दिया गया है।

नेपाल से जुड़ती इन जिलों की सीमा
गोरखपुर जोन के छह जिलों कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती की करीब तीन सौ किलोमीटर सीमा नेपाल से लगती है। खुली सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसएसबी पर है। स्थानीय पुलिस भी इस काम में एसएसबी की मदद करती है। वैसे तो दोनों देशों में आवाजाही के लिए कई अधिकृत रास्ते निर्धारित हैं, लेकिन कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने और लॉकडाउन लागू होने के बाद इन रास्तों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। दोनों देशों के सीमाई इलाके के ग्रामीणों ने अपनी सुविधा के लिए पगडंडी रास्ते बना रखे हैं। इन रास्तों पर भी कड़ा पहरा बिठा दिया गया है।

सील है दोनो देशों की सीमा
एडीजी जोन दावा शेरपा ने बताया कि सीमा पर कड़ी चौकसी रखी जा रही है। किसी की भी आवाजाही संभव नहीं है। नेपाल पुलिस ने भी अपनी सीमा को पूरी तरह से सील कर रखा है। आवाजाही रोकने के लिए दोनों देशों के सीमाई जिलों के पुलिस अधिकारी एक-दूसरे के संपर्क में हैं। अनाधिकृत रूप से देश की सीमा में प्रवेश रोकने के लिए सीमाई क्षेत्र की पुलिस पूरी तरह से सक्रिय है। आबादी वाले इलाकों में नजर रखने के लिए पुलिस के साथ ही एलआइयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) की टीम को भी तैनात किया गया है।

जालिम मुखिया के ठिकानों पर नेपाल पुलिस का छापा
नेपाल में छिपे कोरोना संक्रमितों के शरणदाता जालिम मुखिया के ठिकानों पर वहां की पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है। उसके तीन ठिकानों पर शनिवार को नेपाल पुलिस के छापेमारी करने की खबर मिली है। नेपाल पुलिस की टीम ने परसा जिले में स्थित जग्रनामपुर गांव में स्थित जालिम मुखिया के घर सहित तीन ठिकानों पर छापेमारी की है। इन ठिकानों से 19 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। डीएम दीपक मीणा और पुलिस अधीक्षक विजय ढुल ने बताया कि सीमा पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

गोरखपुर शहर में एक जगह शिफ्ट किए गए 43 जमाती
गोरखपुर के दो थाना क्षेत्रों के मस्जिदों में क्वारंटाइन किए गए 43 जमातियों को शनिवार को बशारतपुर के आश्रय स्थल में शिफ्ट किया गया। प्रशासन के अनुसार इनमें से किसी का संबंध निजामुद्दीन की तब्लीगी जमात से नहीं है। ये देश के विभिन्न हिस्सों से गोरखपुर में जमात में शामिल होने आए थे। तिवारीपुर थानाक्षेत्र के विभिन्न मस्जिदों से 30, चिलुआताल थानाक्षेत्र से 12 व शहर के एक अन्य मस्जिद से एक जमाती को प्रशासन ने एंबुलेंस से आश्रय स्थल भेजा। इनमें पश्चिम बंगाल, असम व उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों से आए लोग शामिल हैं। इन सभी जमातियों का कोरोना टेस्ट निगेटिव आया है। मस्जिदों में उनकी क्वारंटाइन अवधि भी पूरी हो चुकी है। एहतियात के तौर पर उन्हें 70 बेड के आश्रय स्थल में रखा गया है। जैसे ही इस बात का पता चला कि आश्रय स्थल में जमातियों को लाया गया है। पास स्थित कालोनियों प्रीत विहार, राजनगर व शक्तिनगर के लोगों ने बैरिकेडिंग कर उधर से रास्ता बंद कर दिया।

शहर के विभिन्न मस्जिदों में क्वारंटाइन किए गए जमातियों को आश्रय स्थल भेजा गया है। सभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। - गौरव सिंह सोगरवाल, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर।
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