कोरोना को रोकने के लिए 44 नई लैब को मंजूरी, बनेगा देश का सबसे बड़ा नेटवर्क
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार कम्युनिटी ट्रांसमिशन के मुहाने पर खड़ा है। लिहाजा, स्टेज-टू पर ही वायरस की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। प्रदेश में मरीजों की स्क्रीनिंग और जांच के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलेगा। इसके लिए सूबे में देश का सबसे बड़ा लैब नेटवर्क खड़ा करने का फैसला लिया है। इसके तहत सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में नई 44 लैब खोलने का फैसला किया गया है। जल्द ही जनपद स्तर पर मरीज की जांच-रिपोर्ट की सुविधा होगी। इसके लिए केजीएमयू को स्टेट मेंटर सेंटर बनाया गया है। इससे अब आइसीएमआर से लैब खोलने के लिए अनुमति का झंझट भी नहीं होगा।
केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट के मुताबिक कोरोना जांच लैब के लिए अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) से अनुमति की आवश्यकता नहीं है। दिल्ली एम्स को नेशनल मेंटर सेंटर नामित किया गया है। वहीं यूपी का केजीएमयू स्टेट मेंटर सेंटर घोषित किया गया है। शनिवार को केजीएयमू को पत्र मिल गया है। नई लैब सात से 10 दिन में शुरू करने का प्लान है।
अभी दस लैब हैं संचालित: वर्तमान में प्रदेश में 10 लैब में कोरोना की जांच हो रही है। यह लैब केजीएमयू , एसजीपीजीआइ, कमांड हॉस्पिटल लखनऊ, एएमयू अलीगढ़, बीएचयू वाराणसी, एलएलआरएमसी मेरठ, आरएमआरसी गोरखपुर, यूपीयूएमएस सैफई , एमएलबीएमसी झांसी, एमएलबीएमसी प्रयागराज में हैं।
लोहिया संस्थान समेत छह जगह आज से शुरू होगी जांच
कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट के मुताबिक राज्य में छह लैब बनकर तैयार हैं। इसमें लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ, एसएनएमसी आगरा, जीएसवीएम कानपुर, जीआइएमएस नोएडा, आइवीआरआइ बरेली, एनआइवी नोएडा में सोमवार से तय मानकों के अनुसार जांच शुरू हो जाएगी। इनमें से कुछ ने रविवार को ही बतौर ट्रायल सैंपल टेस्ट किए हैं।
कोरोना से लड़ने के लिए ये भी हैं तैयारियां
- एंटीबॉडी बेस्ड रैपिड टेस्ट किट भी आएंगी जल्द, 30 मिनट में होगी जांच
- 15 हजार बेड चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने किए रिजर्व
- 46 सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में होगी कोरोना की जांच
- आयुष्मान योजना से निजी अस्पताल में मिलेगा कोरोना का इलाज
- 200 निजी अस्पताल भी कोविड-19 अस्पताल, वेंटिलेटर आरक्षित