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हरियाणा में फंसे पूर्वांचल सहित उप्र के अन्य जिलों से 1472 कामगारों को बसों से भेजा घर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बागपत, लॉकडाउन के कारण हरियाणा में फंसे 1472 कामगारों को रोडवेज बसों से घर भेजा गया। संभल जनपद के 22 कामगारों की पहली रोडवेज बस को डीएम व एसपी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ईपीई पर कामगारों के स्वास्थ्य की जांच और डिटेल एकत्रित करने के बाद बसों में बैठाया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे कामगारों को सूबे में वापस लाने के आदेश दिए हैं। शनिवार को हरियाणा की बसें पश्चिम उत्तर प्रदेश के छह सौ से अधिक कामगारों को सीधे उनके घर छोड़कर आई थीं। रविवार को हरियाणा की बसें पूर्वांचल के कामगारों को ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे स्थित उत्तर प्रदेश के बार्डर के मवीकलां गांव एक्सचेंज तक छोड़कर गई। यहां से 1472 कामगारों को यूपी रोडवेज बसों में बैठाकर भेजा गया। इससे पहले दिल्ली यमुनोत्री हाईवे स्थित तहसील में कामगारों की थर्मल स्क्रिनिंग स्वस्थ्य विभाग की टीम ने की। इसके बाद खाना व पानी देकर कामगारों को संबंधित जिले की बस में बैठाया गया। डीएम शकुंतला गौतम व एसपी प्रताप गोपेंद्र ने हरी झंडी दिखाकर संभल जिले की पहली बस को रवाना किया। बस में दो कांस्टेबल कामगारों की सुरक्षा व संबंधित जिले तक पहुंचाने के लिए साथ भेजे गए।


ये रही बसों की व्यवस्था
रविवार सुबह हरियाणा रोडवेज की 47 बसें कामगारों को लेकर सीमा पर पहुंची, यहां से बागपत डिपो की 62 बसों से कामगारों को उनके जिलों में भेजा गया। इनमें दो बस मेरठ, 10 बस मुजफ्फरनगर, छह बस अमरोहा, 15 बस संभल, तीन बस अमेठी, चार बस सुल्तानपुर, सात बस आजमगढ़, दो बस बलिया, एक बस मऊ, दो बस भदोही, एक बस चंदौली, एक बस सोनभद्र, चार बस जौनपुर व तीन बस अम्बेडकरनगर भेजी गई।

किस जिले के कितने कामगार
बागपत के 12, मेरठ के 50, मुजफ्फरनगर के 235, अमरोहा के 154, संभल के 368, अमेठी के 78, सुल्तानपुर के 105, आजमगढ़ के 171, बलिया के 31, मऊ के 25, भदोही के 52, चंदौली के सात, सोनभद्र कर 13, जौनपुर के 93 व अम्बेडकरनगर के 78 कामगार हैं।

आंधी ने बिगाड़ी काम की रफ्तार
रविवार सुबह 11.30 बजे के आसपास अचानक मौसम का मिजाज बदला। तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। इसके कारण पुल के नीचे थर्मल स्क्रिनिंग व अन्य कार्य करीब एक घंटे तक प्रभावित रहा। धूल से बचने के लिए कर्मचारी इधर-उधर छिपने लगे थे।

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