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लॉकडाउन में ढील के बाद गोरखपुर की 15 औद्योगिक इकाइयों में शुरू हुआ उत्पादन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर, लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद गोरखपुर में करीब 15 इकाइयों में उत्पादन शुरू हो गया है। जूट का बोरा बनाने वाली इकाई के साथ ही सैनेटरी पैड, ब्रान ऑयल कपड़ा, धागा, नट-बोल्ट, केबिल, प्लाइवुड आदि बनाने वाली इकाइयों का संचालन शुरू हो सका। पहला दिन उद्यमियों के लिए मुश्किल जरूर रहा लेकिन सरकार की ओर से निर्धारित शर्तों का पूरी तरह से पालन करते हुए उत्पादन शुरू किया गया। 11 तरह के उद्योगों को छूट मिलने के बाद गोरखपुर में करीब 50 इकाईयों को उत्पादन शुरू करना था।

35 फीसद कर्मचारियों के साथ शुरू हुआ उत्‍पादन
गेहूं की खरीद में प्रयोग होने वाले जूट के बोरों की उपलब्धता के लिए प्रशासन भी महावीर जूट मिल के संपर्क में था। परिसर में रहने वाले करीब 35 फीसद कर्मचारियों के साथ सोमवार को यहां काम शुरू हो गया। जूट का बोरा बनाने वाली यूनिट में दो शिफ्टों में काम किया गया। मिल के सीईओ धीरज मस्करा ने बताया कि पहले दिन कुछ उत्पादन हुआ है। कल से दोनों शिफ्टों में बराबर कर्मचारी रखकर काम कराया जाएगा। नाइन सैनेटरी नैपकीन की इकाई में भी सोमवार को उत्पादन शुरू किया गया। गीडा की करीब 12 इकाइयों में जबकि इंडस्ट्रियल एरिया में धागे की तीन इकाइयों में उत्पादन शुरू हुआ। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के महासचिव प्रवीण मोदी ने कहा कि गीडा में प्रशासन की ओर से श्रमिकों के स्वास्थ्य जाचं की सुविधा दी जानी चाहिए। पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने बताया कि प्रशासन का सकारात्मक सहयोग मिल रहा है।

करना पड़ा मुश्किलों का सामना
सरकार की ओर से निर्धारित शर्तों को पूरा करने के लिए उद्यमियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कर्मचारियों को बुलाकर परिसर में ही रखा गया है। फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए सभी को मास्क भी दिए गए हैं। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष आरएन सिंह ने बताया कि करीब 15 इकाइयों में उत्पादन शुरू हो गया है। पर, हर यूनिट में कर्मचारियों की संख्या काफी कम है। परिसर में कर्मचारियों को रखना आसान नहीं। सभी जगह उत्पादन बहुत कम रहा। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में स्थिति में कुछ सुधार हो सकता है।

इन इकाइयों में भी शुरू हुआ काम
शंकर केबल्स, सर्वोत्तम फीड प्रोडक्ट्स, वेल्ड इंडिया, विनायक उद्योग, नेशनल इलेक्ट्रिकल्स, सर्वोत्तम इंडस्ट्रीज, रूंगटा इंडस्ट्रीज आदि।

शुरू हुआ महत्वपूर्ण सड़कों का निर्माण कार्य
कार्यालय खुलने के साथ ही महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण की तैयारियां शुरू हो गई है। पीडब्लूडी के मुख्य अभियंता ने अधिकारियों के साथ बैठक कर 14 महत्वपूर्ण कार्यों की सूची तैयार की, जिसे मुख्य विकास अधिकारी को सौंपकर कार्य शुरू कराने की अनुमति मांगी गई है। इसके साथ ही गोरखपुर-वाराणसी व कालेसर- जंगल कौडिय़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर कार्य शुरू कराने की तैयारी पूरी कर ली गई। जिला प्रशासन से वाहनों के लिए पास मांगा गया है। मंगलवार की सुबह तक पास मिल जाएगा, इसके बाद काम शुरू करा दिया जाएगा। पीडब्लूडी के मुख्य अभियंता एसपी सिंह ने बताया कि बैठक में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। ठीकेदार को भी पत्र भेजकर सरकार द्वारा जारी किए गए कोरोना से सुरक्षा उपायों का ध्यान रखने को कहा गया है। यदि उसके पास सभी सुरक्षा उपाय होंगे, तभी कार्य शुरू करने की इजाजत दी जाएगी। साथ ही रोज पीडब्लूडी व जिला प्रशासन के अधिकारी निगरानी करेंगे कि कहीं सुरक्षा उपायों व फिजिकल डिस्टेंसिंग (शारीरिक दूरी) के पालन में कोई चूक तो नहीं हो रही है। जिन कार्यों को शुरू कराया जाना है उनमें मेडिकल कॉलेज रोड, देवरिया रोड, फर्टिलाइजर रोड सहित कुल 14 कार्य हैं। एनएचएआइ के परियोजना प्रबंधक श्रीपाठक ने बताया कि शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए एक तिहाई कर्मचारियों को ही रोज बुलाया जा रहा है। गोरखपुर-वाराणसी व कालेसर-जंगल कौडिय़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माण मंगलवार से शुरू करा दिया जाएगा।

गोरखपुर व बस्ती मंडल में नेशनल हाईवे पर खुले दो ढाबे
जरूरी सामान की आपूर्ति में लगे ट्रकों एवं कार्गो के चालक व क्लीनर की सुविधा के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर ढाबों की सूची जारी की है। कुशीनगर से लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग यानी एनएच-28 पर गोरखपुर व बस्ती मंडल में एक-एक ढाबे को खोलने की मंजूरी दी गई है। गोरखपुर व लखनऊ के बीच बस्ती जिले के विक्रमजोत में स्थित अवधेश सिंह ढाबा एवं कुशीनगर जिले में हेतिम टोल प्लाजा मुजैना बसी स्थित सौम्या ढाबा को खोलने की अनुमति मिली है। देश के कई जिलों में 20 अप्रैल से लॉकडाउन में छूट दी गई है। उद्योगों के लिए क'चा माल व लोगों की जरूरत के सामान की कमी न होने पाए, इसके लिए ट्रकों के आवागमन को मंजूरी दी गई है। लंबी दूरी तक ट्रक लेकर जाने वाले चालक एवं क्लीनर खाने के लिए नेशनल हाईवे पर पडऩे वाले ढाबे पर ही निर्भर रहते हैं। उनकी जरूरत को देखते हुए नेशनल हाईवे पर ढाबों की अधिकृत सूची की जानकारी देने के लिए लिंक शुरू किया गया है। इन ढाबों पर फिजिकल डिस्टेंसिंग सहित कोविड-19 से बचाव के अन्य उपाय अपनाने होंगे। ढाबों के साथ ट्रकों की मरम्मत से जुड़ी दुकानों को भी खोला जा रहा है।
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