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लॉकडाउन से उत्तर प्रदेश में लौट रहा टैलेंट, स्थानीय स्तर पर इस तरह से सरकार करेगी उपयोग

गाजीपुर न्यूज़ टीम, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में अपने हुनर का लोहा मनवाने वाला टैलेंट लॉकडाउन में प्रवासियों के रुप में यूपी में वापस लौट रहा है। सरकार ने इस टैलेंट का स्थानीय स्तर पर उपयोग करने का निर्णय लिया है। जिसकी कवायद भी सरकारी स्तर पर शुरू हो गई है। इसके लिए जहां विभिन्न राज्यों से वापस लौटने वाले प्रवासियों का डाटा तैयार किया जा रहा है। वहीं उनके टैलेंट का स्थानीय स्तर पर उपयोग हो सके इसके लिए योजना भी बना रही है।

बड़ी संख्या में लौट रहे है कामगार
सूखे और पानी जैसी कई समस्याओं के चलते यूपी से निकल कर सालों पहले अन्य राज्यों में पहुंचे लोगों ने कामगार के क्षेत्र में भी अलग पहचान बनाई है। कड़ी मेहनत के जरिए अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले ये कामगार तकनीकी टैलेंट के साथ वापस यूपी में लौट रहे है। जिनके पास निर्माण सबंधी मशीनों के साथ काम करने का अनुभव है। उनके इसी हुनर को तराश कर स्थानीय स्तर पर उनके टैलेंट का प्रयोग किया जा सकता है। क्योंकि उनके पास मशीनों में काम करने की जानकारी है।

सरकार दो तरह से तैयार करवा रही डाटा
सरकार पहली बाहर से आने वाले प्रवासियों का डाटा दो तरीके से तैयार करवा रही है। पहला तो क्वारंटाइन सेंटर में श्रम विभाग की टीम जाकर रजिस्ट्रेशन कर रही। वहीं आने वाले प्रवासी भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा रहे। करीब 18 सौ लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके। खास बात ये है कि तैयार हाे रहे इस डाटा का उपयोग सेवायोजन विभाग, आइटीआइ, मनरेगा, स्वयं सहायता समूह और उद्यम विभाग भी प्रवासियों को रोजगार देने के लिए करेंगे।

रजिस्ट्रेशन में प्रवासियों को आ रही मुश्किले
अधिकारियों के अनुसार रजिस्ट्रेशन करने में दस्तावेज न होने से काफी मुश्किलें आ रही है। रजिस्ट्रेशन के लिए बैंक खाता व आधारकार्ड की आवश्यकता होती है लेकिन दस्तावेज न होने पर उनके मोबाइल नंबर का प्रयोग किया जा रहा है। जिसके जरिए प्रवासियों के घर पहुंचने पर कॉल उनकी पूरी डिटेल ली जा रही है।

ऐसे मिलेगा निर्माण करने वाले श्रमिकों को लाभ
निर्माण श्रमिक ऑनलाइन काॅमन सर्विस सेंटर या फिर कार्यालय में पहुंच कर रजिस्ट्रेशन करा सकते है। जिससे उन्हें कई योजनाओं में लाभ मिल सकता है। रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड के साथ एक फोटो, बैंक खाता और काम करने का 90 का सर्टिफिकेट होना चाहिए। श्रमिक यह प्रमाण पत्र वहां से बनवा सकते है जहां निर्माण कार्य हो रहा हो। जनपद में अब तक 34 हजार निर्माण श्रमिक अपना पंजीयन करा चुके है।

अलग अलग कामगारों को अलग अलग क्षेत्रों में समायोजित किया जा सके इसके लिए विभाग की तरफ से प्रवासियों का डाटा तैयार किया जा रहा है। अजीत कुमार श्रम प्रवर्तन अधिकारी
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