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खाने की चीजों से भी फैल सकता है कोरोना वायरस?, जानें इस दावे की सच्चाई

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. इन दिनों कोरोना वायरस को लेकर कई तरह के मिथक प्रचलित हो रहे हैं। इन्हें लेकर आम लोगों में काफी भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। क्या है, इन मिथकों की सच्चाई, इस बारे में आपको बता रहा है ‘गाजीपुर न्यूज़ टीम'कोरोना : मिथ और सच्चाई

मिथ: ब्लीच या अन्य डिसइन्फेक्टेंट का टीका लगाया जा सकता है?
सच्चाई: मजाक में बनाए जा रहे इन  चुटकलों को कतई गंभीरता से न लें। डब्ल्यूएचओ लगातार इस बात को कह रहा है कि ब्लीच या अन्य सभी डिसइन्फेक्टेंट हानिकारक हैं, जो आंतरिक प्रयोग के लिए नहीं होते। ये केवल बाहरी सतह के लिए ठीक हैं। इनमें कई विषैले तत्व मिले होते हैं। अगर गलती से भी ये किसी तरह शरीर में चले जाएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

मिथ:  खाने की चीजों से भी फैल सकता है कोरोना वायरस?
सच्चाई: फल, सब्जियों, ग्रॉसरी या खाने की चीजों की सतह पर वायरस की मौजूदगी कुछ समय के लिए हो सकती है, लेकिन सामान्य खाद्य सुरक्षा के नियमों का पालन करना इस तरह के संक्रमण को आसानी से रोक सकता है। बाजार से सब्जियों को लाने के बाद उन्हें अच्छी तरह से धो लें और फिर उन्हें पकाएं। सब्जियों को धोने के बाद, अपने हाथ भी अच्छी तरह साफ करें। वैसे अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि खाने की चीज में अगर वायरस है, तो उसे निगलने से शरीर पर क्या असर होगा। वायरस का नाक, फेफड़े और साइनस तक पहंुचना जरूरी है।

मिथ: साबुन के घोल को पीने से संक्रमण ठीक हो जाएगा?
सच्चाई: यह बहुत हास्यास्पद विचार है कि साबुन से हाथ धोने पर कोरोना वायरस मर जाता है, तो उसका घोल पीने से शरीर के अंदर भी मर जाएगा। साबुन से लगातार हाथ धोने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि साबुन में एमीमिफिल्स जैसे रसायन होते हैं, जो वायरस की बाहरी सतह पर मौजूद लिपिड यानी वसा की परत को तोड़ देते हैं। लिपिड की परत टूट जाने से वायरस नष्ट हो जाता है। लेकिन यह भी ध्यान रखने योग्य बात है कि साबुन में कई तरह के हानिकारक तत्व भी होते हैं। ये चीजें बाहरी सतह के लिए हैं, इन्हें गलती से भी पीने की कोशिश न करें।
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