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प्रयागराज में एक दिन में चार हत्‍याकांड थानेदार व सीओ नपे, आरोपियों की तलाश में छापेमारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज। कोरांव थाना क्षेत्र के लखनपुर और निश्चिंतपुर गांव में एक ही दिन में चार लोगों की हत्या हुई थी। इसमें लापरवाही सामने आने के बाद एसएसपी ने थाना प्रभारी राकेश जायसवाल को लाइन हाजिर कर दिया है। उनकी जगह फूलपुर से इंस्‍पेक्टर चंद्रभान सिंह की तैनाती की है। वहीं सीओ मेजा नवीन कुमार नायक को भी हटाया गया है। अब मेजा के नए सीओ सच्चिदानंद बनाए गए हैं।

आरोपितों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही
नए थाना प्रभारी ने चार्ज लेने के बाद दोनों हत्याकांड में वांछित 10 लोगों की तलाश तेज हो गई है। कोरांव के साथ ही आसपास के इलाकों में भी पुलिस छापेमारी कर रही है। दो-तीन लोगों के पकड़े जाने की सूचना भी है। दोनों गांव में पुलिस और पीएसी की लगातार तैनाती भी बनी है।

खेत जोताई के विवाद में तीन सगे भाइयों की हुई थी हत्‍या
20 मई को दो घटनाओं ने जिले में आपराधिक तापमान बढ़ा दिया था। दोपहर में निश्चिंतपुर गांव में खेत जोताई के विवाद में तीन सगे भाइयों इंद्रबहादुर सिंह यादव, रवींद्र बहादुर और रामजी की लाठी से पीटकर हत्या कर दी गई थी। फिर शाम करीब चार बजे लखनपुर गांव में तीन दिन पुराने झगड़े में योगेंद्र सिंह की बाइक से खींचने के बाद लाठी से पीटकर हत्या कर दी गई। निश्चिंतपुर गांव में हुए हत्याकांड में 22 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट लिखी गई जिसमें 13 आरोपित प्रेमशंकर, उसकी पत्नी सरिता, बुद्धिमान सिंह, उसकी पत्नी राजकली, भाई ज्ञान सिंह, चंद्रशेखर समेत आशीष सिंह, सुरेंद्र सिंह, धीर सिंह, रवि सिंह, रंजना को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने छह लाठी, एक कटवासा और लाइसेंसी बंदूक भी जब्त की है। बाकी फरार आरोपितों की तलाश में पुलिस टीम जगह-जगह छापेमारी कर रही है।

लखनपुर में हत्या में नामजद 39 आरोपितों में 32 गिरफ्तार
उधर कोरांव के लखनपुर में योगेंद्र की हत्या में भी पुलिस ने नामजद 39 आरोपितों में 32 को गिरफ्तार किया है। साथ ही पांच लोग हिरासत में हैं। दोनों घटना में गिरफ्तार 45 लोगों को कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने नैनी सेंट्रल जेल पहुंचा दिया है। दोनों गांव में पुलिस बल मुस्तैद है। एसपी यमुनापार दीपेंद्र नाथ चौधरी का कहना है कि गिरफ्तारी की कोशिश के साथ ही शांति व्यवस्था भी कायम की गई है।

कोरांव में बेकाबू हो गया है अपराध
कोरोना संकट काल में भी यमुनापार में आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं। मांडा में दंपती और बेटी की हत्या, कोरांव में पिछले दिनों रोजगार सेवक का कत्ल, फिर बुधवार को एक ही दिन में चार कत्ल हो चुका है। खासतौर पर कोरांव इलाके में कत्ल की घटनाएं लगातार हो रही हैं। वहां सामूहिक हत्याकांड समेत सात कत्ल पिछले छह महीने में हो चुके हैं। हर घटना में पुलिस की लापरवाही भी उजागर हो चुकी है। चोरी की घटनाओं में तो पुलिस ने कुछ किया ही नहीं। पीडि़त भटक रहे हैं मगर पुलिस सुनती ही नहीं है।

पहले ही थे लाचार और बढ़ी मुसीबत
कोरांव की दो घटनाओं में मारे गए गए चार लोगों के परिवार वैसे भी आर्थिक रूप से तंगी झेल रहे थे। खासतौर पर निश्चिंतपुर गांव में मारे गए तीनों भाई बेहद गरीबी से जूझ रहे हैं। मारे गए लोगों में दो भाई तो मुंबई से मजबूरी में लौटे थे जहां वे परिवार का गुजारा करने के लिए ऑटो चलाते थे। कोरोना संकट की वजह से पैसे खत्म होने पर वे घर लौटे तो यहां भी घर में गरीबी का ही साया मिला। अब उनकी हत्या के बाद पत्नियां और 17 बच्चे बेसहारा हो गए हैं। हत्या के पिछले मामले की वजह से वैसे भी मुकदमेबाजी में यह खानदान गरीबी में डूबा है। अब जब खेती भी नहीं है और घर के पालनहार भी मारे गए तो बच्चों और महिलाओं के सामने मुसीबतों का पहाड़ ही टूट पड़ा है। इस संकट में मुश्किल में तो आरोपित पक्ष भी है।
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