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जूना अखाड़े के ब्रह्मलीन संत महामंडलेश्वर को समाधि दी, उत्तराधिकारी बनीं मंदिर की महंत

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज। वेणी माधव मंदिर के व्यवस्थापक और जूना अखाड़े के ब्रह्मलीन संत महामंडलेश्वर ओंकार गिरि को गुरुवार को संगम स्नान के बाद समाधि दी गई। जूना अखाड़े की परंपरा के अनुसार ब्रह्मलीन संत की समाधि उनके गुरु की समाधि के बगल बनाई गई। इसके साथ ही उनकी उत्तराधिकारी महामंडलेश्वर वैभव गिरि को मंदिर का महंत घोषित किया गया।
जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर वयोवृद्ध संत पिछले कुछ समय से बीमार थे। बीते मंगलवार को उन्होंने एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली। गुरुवार को उन्हें समाधि दी गई। इस दौरान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, जूना अखाड़े के संरक्षक व अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरिगिरि, श्रीमहंत पुष्कर गिरि, महंत इच्छा गिरि, थानापति नीलकंठ गिरि, थानापति अरूण भारतीय, ब्रह्नमऋषि रवि शंकर, महंत हरिशंकर गिरि, महानिर्वाणी अखाड़े से रजनीश गिरि, निर्मल अखाड़े के देवेंद्र शास्त्री, बड़ा पंचायती उदासीन अखाड़े के व्यास मुनि, अटल अखाड़े के बलराम भारतीय आदि संत मौजूद रहे। इलाहाबाद हाइकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह भी रहे। ब्रह्मलीन संत को परंपरा के अनुसार संगम स्नान कराया गया। महंत हरि गिरि ने बताया कि इसके बाद परंपरा के अनुसार उनके गुरु की समाधि के बगल उन्हें समाधि दी गई। इस मौके पर जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर वैभव गिरि को ब्रहमलीन महामंडलेश्वर की इच्छानुसार और सभी संतों की राय से वेणी माधव मंदिर की महंत घोषित किया गया। वैभव गिरि को कुम्भ 2013 में जूना अखाड़े ने महामंडलेश्वर बनाया था। जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरि ने महामंडलेश्वर वैभव गिरि को वेणी माधव मंदिर की नई महंत घोषित किया।

नागरिकों ने दी श्रद्धांजलि
संत के ब्रह्मलीन होने से आम नागरिक भी दुखी हैँ। प्रयागवाल सभा ने श्रद्धांजलि सभा कर प्रार्थना की। इस दौरान सुभाष पांडेय, राजेंद्र पालीवाल, संतोष भारद्वाज, राजेश तिवारी, अमरनाथ तिवारी, गोपाल मिश्र, श्याम मिश्र, राज कुमार मिश्र, दिलीप मिश्र, विष्णु प्रोहा, प्रदीप पांडेय आदि मौजूद रहे। उधर त्रिवेणी संस्कृत महाविद्यालय में भी श्रद्धांजलि सभा की गई। इस दौरान समाज सेवी फूलचंद्र दुबे व अन्य मौजूद रहे।
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