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कोरोना से लड़ना सीख लिया तो सुधरने लगे बीमारी से हालात

गाजीपुर न्यूज़ टीम, आगरा. पिछले 2 महीने से लॉकडाउन के कारण घरों में रह रहे लोग अब कोरोना से लड़ना सीख गए हैं। आगरा में कोरोना संक्रमित भी स्वस्थ होकर घर लौटने लगे हैं।  पिछले सात दिनों में प्रतिदिन संक्रमित मिलने वालों का औसत सात रह गया है। नगरी क्षेत्र रेड जोन में तो जनपद में 44 कंटेनमेंट जोन बने हुए हैं। ऐसे में शहर में अभी बाजार खुलने का इंतजार है हालांकि हाईवे किनारे स्थित वर्कशॉप और स्पेयर पार्ट्स की दुकानों तथा देहात क्षेत्र में गाइडलाइन के मुताबिक बाजार खुल गए हैं। पुलिस ने भी अब आवागमन में थोड़ी ढील दी है। 

लगातार पाबंदी में रहने और सुरक्षा के उपाय में भी शहरवासी पीछे नहीं हैं। वे अब हाथों को सेनेटाइज करना सीख गए हैं। मास्क भी खरीदकर रख लिए हैं। इन दोनों जरूरी चीजों के शहरवाले अभ्यस्त होने लगे हैं। उन्हें अब लॉकडाउन खुलने का इंतजार है। अप्रैल में और मई के शुरुआती दिनों में प्रतिदिन 30 लोगों के संक्रमित मिलने का औसत रह चुका है। अब पिछले सप्ताह में ये औसत प्रतिदिन सात का रह गया है। बिना लक्षण वाले मरीज सबसे ज्यादा स्वस्थ हो रहे हैं। इनकी संख्या पांच सौ से ऊपर थी। लक्षण वाले मरीजों की भी संख्या लगभग सवा तीन सौ है। ये मरीज भी स्वस्थ होकर घर जाने लगे हैं। कोरोना संक्रमितों की संख्या आगरा में ज्यादा होने के साथ लगभग हर इलाके में रही। गांवों में भी दस्तक देने से वहां भी इसका प्रभाव देखा जा रहा है। शहर के 30 तो गांव में अभी भी 14 हॉटस्पॉट शामिल हैं। शहरी क्षेत्र में पुलिस भी आने-जाने वालों को समझा रही है। आसानी से लोगों का आना-जाना होता रहता है।

250 मीटर हो सकता है कंटेनमेंट जोन का दायरा, तैयारी में प्रशासन
कंटेनमेंट जोन में अब लोगों को राहत देने की तैयारी की जा रही है। इसका दायरा कम करने की योजना बनाई गई है। इस सीमा को एक किलोमीटर से घटाकर पांच सौ और ढाई सौ मीटर किया जाएगा। यहां सुबह और शाम सेनेटाइजेशन के अलावा 12 घंटे दवा व जरूरी चीजों का वितरण भी कराया जाएगा।

आगरा नगर निगम की पूरी सीमा कंटेनमेंट जोन में शामिल की गई है। इसके चलते यहां आम शहरों की तरह एक-दो चीजों को छोड़कर कुछ भी खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। इधर, जिला प्रशासन शहर में बनाए गए 30 कंटेनमेंट जोन में कुछ रियायत देने की योजना बना रही है। जिस कंटेनमेंट जोन में कोरोना का एक संक्रमित केस होगा, वहां 250 मीटर की सीमा रखी जाएगी। जिन कंटेनमेंट जोन में पांच या उससे अधिक एक्टिव केस होंगे, उन जोनों में सीमा पांच सौ मीटर रहेगी। इसके लिए सभी कंटेनमेंट जोन में मिले संक्रमितों के आंकड़े तैयार किए जा रहे हैं, जिससे उन्हें अलग-अलग तरीके से सूचीबद्ध किया जा सके।

अभी तक कंटेनमेंट जोन का एक किलोमीटर का इलाका प्रतिबंधित किया गया था। वहां ठेलवालों का भी आवागमन प्रतिबंधित था। इससे इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को परेशानी हो रही थी। अब दायरा कम हो जाने पर ठेल वालों का भी आवागमन हो सकेगा। साथ ही क्षेत्रीय लोगों की दहशत भी कम होगी। इसी दिशा में काम शुरू हो गया है। इससे उन इलाकों को फायदा होगा, जहां कंटेनमेंट जोन एक है लेकिन एक किलोमीटर के दायरे में आने के कारण प्रभावित चार-चार इलाके हो रहे हैं।
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