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शेल्टर होम पहुंचे प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग, दिल्ली-यूपी बॉर्डर से लाया गया

गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली के गाजीपुर से सटी यूपी बॉर्डर पर जुटे प्रवासी मजदूरों को वहां से लेकर जाकर अलग-अलग शेल्टर होम में रखा गया जा रहा है। पुलिस डीटीसी की बसों में बैठाकर अलग-अलग जगहों पर ले जा रही है। जहां पर मजदूर पहुंच गए हैं वहां पर उनकी स्क्रीनिंग की जा रही है। 

वहीं कुछ प्रवासी मज़दूरों व उनके परिवार को स्क्रीनिंग के लिए विनोद नगर स्थित राजकीय स्कूल में लाया गया है। बारी-बारी से शारीरिक दूरी के नियमों को ध्यान में रखते हुए सभी की स्क्रीनिंग की जा रही है। 
दिल्ली पुलिस का कहना है कि सभी लोगों को बस द्वारा अलग-अलग शेल्टर होम में भेजकर इनकी स्क्रीनिंग कराने के बाद ट्रेन द्वारा भेजने की व्यवस्था की जाएगी। प्रवासी यहां हरियाणा के अलग-अलग जगहों से भी पहुंचे हैं। उनका कहना है कि वहां से यहां तक रास्ते में पुलिस ने उन्हें कहीं नहीं रोका गाजीपुर बॉर्डर पर ही रोका गया है। 
इससे पहले दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में मजदूर जुट गए थे। मिला जानकारी के मुताबिक, औरैया सड़क हादसे के बाद यूपी सरकार के उस आदेश के बाद यह भीड़ जुट गई थी जिसमें कहा गया है कि जो मजदूर पैदल जा रहे हैं उन्हें प्रशासन बस उपलब्ध कराएगी।
लॉकडाउन के नियमों की उड़ी धज्जियां
गाजीपुर में जुटी भीड़ को देखकर ऐसा लग रहा है कि किसी को कोरोना संक्रमण का कोई डर नहीं हैं। लॉकडाउन के नियमों की लोग खुले तौर पर धज्जियां उड़ा रहे हैं। कोई शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। 
समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार, प्रवासी श्रमिकों के एक समूह का कहना है कि पुलिस ने उन्हें मयूर विहार एक्सटेंशन के पास दिल्ली-यूपी सीमा पर रोक दिया। वह उत्तर प्रदेश के हरदोई जा रहे थे। एक प्रवासी मजदूर सुनीता कहती है, हमने पिछले तीन दिनों के दौरान कुछ भी नहीं खाया है"। सुनीता ने कहा कि पुलिस हमें वापस जाने के लिए कह रही है। मेरे मकान मालिक ने उस कमरे को बंद कर दिया है जिसमें मैं रह रहा था और किराया मांग रहा था। मेरे पास पैसा नहीं हैं। मैं कहाँ जाऊँगा? हम भूखे हैं। हम भूखे मरेंगे भले ही हम महामारी से बचे।

औरैया सड़क हादसे में 26 मजदूरों की मौत
बता दें कि कोरोना महामारी के कारण घर लौट रहे कामगारों पर शुक्रवार रात 2:55 बजे यूपी औरैया जिले के पास ढाबे पर खड़े ट्राले को डीसीएम ने पीछे से जबर्दस्त टक्कर मार दी थी। हादसे में 26 श्रमिकों की मौत हो गई, जबकि 42 घायल हैं। पांच की हालत गंभीर है। मृतकों में तीन उत्तर प्रदेश, एक मध्य प्रदेश, दो बिहार, आठ झारखंड, चार बंगाल के हैं। आठ अज्ञात हैं। इस हादसे के बाद यूपी सरकार ने आदेश दिया है कि जिस भी इलाके में मजदूर ट्रक, निजी वाहन या फिर पैदल जा रहे हैं उन्हें रोका जाए। 

दिल्ली सरकार ने पुलिस से कहा मजदूरों को पैदल न चलने दें
उधर, प्रवासी कामगारों को लेकर केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार शनिवार को दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (डीडीएमए) ने दिल्ली के स्टेट नोडल अधिकारी और सभी जिला अधिकारी एवं समकक्ष पुलिस अधिकारियों को निर्देश जारी किए। इसमें प्रवासी कामगारों को सड़क या रेल पटरी पर पैदल न चलने देने को कहा गया है। आदेश के अनुसार सड़क या पटरी पर चलते मिलने पर प्रवासी कामगारों को समझा कर पास के शेल्टर होम में ठहराने और उनके खाने पीने का इंतजाम करने को कहा गया है। जब तक कि उनको घर जाने के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेन में नहीं बैठा दिया जाता।

इसके लिए रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों से सामंजस्य बनाने को को कहा गया है। इसके लिए दिल्ली स्टेट के नोडल अधिकारी पीके गुप्ता और दिल्ली पुलिस के नोडल अधिकारी स्पेशल कमिश्नर समेत सभी जिला अधिकारियों और उनके समकक्ष दिल्ली के डीपीसी को आदेश दिए गए हैं।

किसी भी जिले से श्रमिक ट्रेन चलाने को रेलवे तैयार
उधर, रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि रेलवे किसी भी जिले से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने को तैयार है। इसके लिए जिलाधिकारियों को जिले में फंसे प्रवासी मजदूरों की सूची के साथ प्रदेश के नोडल अधिकारी के माध्यम से आवेदन करना होगा। रेलमंत्री पिछले कुछ दिनों से राज्य सरकारों से अन्य ट्रेनों को स्वीकृति देने की अपील कर हैं ताकि फंसे हुए श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने राजस्थान, झारखंड और बंगाल से खासतौर से अपील की है।
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