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प्रवासी मजदूरों की घर वापसी में जुटीं रोडवेज बसों में लग रहे सैनिटाइजर स्प्रे

रोडवेज बस (Roadways Bus) के दरवाजे के साथ ही ये मशीन सेंसर से जुड़ी होगी. जैसे ही कोई यात्री बस के भीतर प्रवेश करेगा, वह दरवाजे के भीतर 30 सेकंड तक रुकेगा. उसके ऊपर चंद सेकेंड में सैनिटाइजेशन की फुहार गिरेगी और वह पूरी तरह सैनिटाइज हो जाएगा.
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य दूसरे राज्यों और प्रदेश के दूसरे हिस्सों में फंसे मजदूरों, छात्रों और नौकरीपेशा लोगों को उनके घरों तक वापस लाना है. इस लक्ष्य में यूपी परिवहन निगम (UPSRTC) उनके साथ है. बड़ी संख्या में यात्रियों को प्रदेश में वापस या उनके जनपदों में वापस लाना है इसलिए परिवहन की बसों का प्रयोग किया जा रहा है. लेकिन किसी भी यात्री को लाते समय इस कोरोना काल में उसकी और खुद की सुरक्षा का भी जिम्मा भी परिवहन निगम के ही कर्मचारियों के कंधों पर है. इसी कड़ी में परिवहन निगम ने एक सफल प्रयास किया है. परिवहन निगम की बसों में सैनिटाइजर डिवाइस स्प्रे (Sanitizer Spray) लगाया जा रहा है यानी अब बसों में बैठने से पहले किसी भी यात्री को अलग से सैनिटाइज नहीं करना पड़ेगा.

बस में चढ़ने के साथ ही यह स्प्रे शुरू हो जाएगा और 30 सेकंड तक एक यात्री पर यह स्प्रे जारी रहेगा. इससे उस यात्री को सैनिटाइज किया जाएगा. यह पूरी तरह स्वचालित होगा और दरवाजे के साथ ही ये मशीन सेंसर से जुड़ी होगी. जैसे ही कोई यात्री बस के भीतर प्रवेश करेगा, वह दरवाजे के भीतर 30 सेकंड तक रुकेगा. उसके ऊपर चंद सेकेंड में सैनिटाइजेशन की फुहार गिरेगी और वह पूरी तरह सेनीटाइज हो जाएगा.

लखनऊ में शुरू हुआ पायलट प्रोजैक्ट
लखनऊ के कैसरबाग बस डिपो पर एआरएम गौरव सिंह की निगरानी में यह पायलट प्रोजेक्ट किया जा रहा है. शुरुआती दौर में 5 बसों में यह डिवाइस स्प्रे लगाया गया है. गौरव ने बताया कि अभी तीन साधारण बसों में और दो एसी बसों में इसकी शुरुआत की जा रही है. इसके बाद इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी.

एक बार में 40 लीटर सैनिटाइजर की व्यवस्था एक बस में 
मुख्यालय से संस्तुति मिलने के बाद उत्तर प्रदेश की सभी बसों में इस सैनिटाइजर स्प्रे को लगाया जाएगा. एक बार में 40 लीटर सैनिटाइजर की व्यवस्था एक बस में होगी और इससे 400 यात्रियों को सैनिटाइज किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि अगर यह डिवाइस सफल रही तो मजदूरों को उनके गंतव्य तक लाने में यह मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि करोना के समय किसी यात्री को सैनिटाइज करना सबसे मुश्किल काम है और इस मशीन से लोगों को सेनिटाइज करना आसान रहेगा. परिवहन विभाग की यह कोशिश निश्चित तौर पर एक मील का पत्थर साबित होगी.
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