सूरत से वाराणसी पहुंची ट्रेन, टिकट पर लिखा था 620 लिया 750, साबरमती से मऊ का 650 देना पड़ा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी। गुजरात से गुरुवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेनें वाराणसी और मऊ पहुंचीं। सूरत से 1200 मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन वाराणसी और साबरमती से 1188 मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन मऊ पहुंची। वाराणसी पहुंचे यात्रियों ने आरोप लगाया कि टिकट पर 620 रुपये लिखा था लेकिन 750 रुपये लिये गए। इस बाबत स्थानीय रेलवे प्रशासन ने यह कहते हुए टिप्पणी से इनकार कर दिया कि सूरत का रेल प्रशासन इस बारे में जानता होगा। वहीं, साबरमती से मऊ पहुंचे यात्रियों से 650 रुपये लिये गए।
वाराणसी में ट्रेन शाम को करीब 4:50 पर स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर आई। इसके बाद एक-एक करके सभी कोच के दरवाजे खोले गए। स्टेशन पर यह सूचना प्रसारित की जा रही थी कि कोच से एक करके लोग उतरेंगे। इस दौरान प्लेटफॉर्म पर पुलिस फोर्स भी तैनात की गई थी। कोच के दोनों दरवाजों से एक-एक कर यात्री निकलते गये। तीनों निकास गेट पर पीपीई किट पहने स्वास्थ्यकमियों की ओर से थर्मल स्कैनिंग किया जाता रहा। यात्रियों के संदिग्ध मिलने पर वहीं प्लेटफार्म पर ही अलग कर लेने का निर्देश था।
तीनों निकासी गेट से बाहर आने पर लगाये गये 28 डेस्क पर एक-एक यात्रियों का विवरण, फोन नंबर, पता लिखा गया। इसके बाद मुख्य भवन के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए बैठाया गया। फिर संबंधित जनपद की बसें सामने आकर लगीं और एक-एक उसमें बैठाया गया। इसके बाद बसें रवाना होती रहीं। सभी को होम क्वारंटीन रखने का निर्देश दिया गया है। जबकि संदिग्ध मिले यात्रियों की सैंपलिंग कर उनका टेस्ट कराया जाएगा।
बस में ही वसूल लिये गए 650 रुपये, स्टेशन पर दिया टिकट
मऊ ब्यूरो के अनुसार गुजरात के साबरमती स्टेशन से स्पेशल श्रमिक ट्रेन से 1188 यात्री गुरुवार को जंक्शन पहुंचे। यात्रियों से इस तंगहाली में किराये के रुप में 650 रुपये वसूले जाने से उनका दर्द छलक उठा। भूखे प्यासे मुर्झाये चेहरे लिये ट्रेनों की बोगियों से टुकर टुकर बाहर झांक रहे लोगों की नजरें अपने घरों की राह निहार रहीं थी।
यात्रियों से बातचीत के दौरान सबका यही कहना था कि लाकडाउन के दौरान सभी कम्पनियां बंद हो गयी थी। साथ ही कम्पनी से मिलने वाली पगार भी बंद होने से पैसे का अभाव था। आजमगढ़ जनपद निवासी अहमदाबाद से साबरमती स्टेशन अपने पति व बच्चे के साथ ट्रेन पकड़ने आयी नीलम पटेल ने टिकट दिखाते हुए बताया कि बस में ही टिकट के 650 रुपये वसूल लिये गये और ट्रेन में चढ़ने से पूर्व यह टिकट दिया गया। हम सभी लगभग डेढ़ महीने से घर में लाकडाउन का पालन करते हुए रूखा सूखा खाकर अपना जीवन बीता रहे थे। इस बीच टिकट के पैसे लेना हम जैसे कामगारों के लिए काफी दुखदायी भरा रहा।