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अनिश्चितकाल के लिए बढ़ाई जाए पीसीएस आवेदन की तिथि

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज : पीसीएस-2020 के आवेदन के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने अंतिम तिथि 21 मई निर्धारित की है। लॉक डाउन में बहुत से छात्र फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं। ऐसे में छात्रों ने मांग की है कि आवेदन की तिथि अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दी जाए। साथ ही छात्रों के लिए यह तय कर पाना भी मुश्किल हो गया है कि पहले किस परीक्षा की तैयारी करें, क्योंकि ज्यादातर परीक्षाएं स्थगित की जा चुकी हैं।

छात्रों ने ईमेल के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राहत की मांग की है। साथ ही ट्वीट भी किए हैं। यूपीपीएससी के कैलेंडर में पीसीएस-2020 और एसीएफ/आरएफओ-2020 की प्रारंभिक परीक्षा 21 जून को प्रस्तावित है। परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 21 अप्रैल से शुरू हो चुकी है।

ऑनलाइन परीक्षा शुल्क बैंक में जमा करने की अंतिम तिथि 18 मई और ऑनलाइन आवेदन सब्मिट करने की अंतिम तिथि 21 मई निर्धारित है। लॉक डाउन के कारण ज्यादातर साइबर कैफे बंद पड़े हैं। आवेदन प्रक्रिया के दौरान फोटो स्कैन कर लगाए जाने का प्रावधान है। ज्यादातर प्रतियोगी छात्रों के पास स्कैनर नहीं है और साइबर कैैफे बंद पड़े हैं। ऐसे में उन्हें आवेदन की प्रक्रिया पूरी करने में दिक्कत आ रही है। इसके अलावा ऑनलाइन पेमेंट में भी समस्या आ रही है।

दूसरी ओर, यूपीपीएससी की ओर से खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) की प्रारंभिक परीक्षा, पीसीएस-2019 की मुख्य परीक्षा, आरओ/आरओ-2016 की प्रारंभिक परीक्षा, कंप्यूटर सहायक (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) परीक्षा-2019 स्थगित की जा चुकी है। वहीं, सात जून को प्रस्तावित सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा और 21 जून को प्रस्तावित पीसीएस-2020 एवं एसीएफ/आरएफओ-2020 की प्रारंभिक परीक्षा पर भी संकट मंडरा रहा है।

ऐसे में अभ्यर्थियों के बीच असमंजस की स्थिति है कि पहले किस परीक्षा की तैयारी करें, क्योंकि स्थगित की गईं परीक्षाओं के बारे में आयोग ने अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं की है। भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह एवं अन्य प्रतियोगी छात्रों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि पीसीएस-2020 और एसीएफ/आरएफओ-2020 के लिए आवेदन तिथि अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दी जाए।

उन्होंने सीएम को लिखे पत्र में दावा किया है कि आयोग को पीसीएस के लिए अब तक दो प्रकार के पदों का अधियाचन मिला है, जिनमें एसडीएम और सीडीपीओ के पद हैं। इसके अलावा और कोई पद नहीं है। सीडीपीओ भी विशेष अर्हता वाला पद है। ऐसे में आयोग जल्दबाजी क्यों कर रहा है। आयोग की इस जल्दबाजी से प्रतियोगी छात्र परेशान हैं। सीएम से यह मांग भी की गई है कि आयोग प्रत्येक परीक्षा के बारे में स्थिति स्पष्ट करे, ताकि प्रतियोगी छात्र चरणबद्ध तरीके से तैयारी कर सकें।

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