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विदेशों में भी धूम मचाएगा काशी का लंगड़ा और दशहरी आम, पहली खेप दुबई रवाना

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने राजातालाब भिखारीपुर गांव स्थित बगीचे से 3 टन बनारसी लंगड़ा और दशहरी आम के पहले खेप को हरी झंडी दिखाकर दुबई यात्रा के लिए रवाना किया.
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. काशी के लिए बुधवार का दिन काफी सुखद एवं खुशखबरी वाला दिन रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोद लिए गांव जयापुर की जया सीड्स प्रोडूसर कंपनी द्वारा राजातालाब भिखारीपुर गांव स्थित बगीचे से बनारस का विश्व प्रसिद्ध लंगड़ा और दशहरी आम पहली बार दुबई की यात्रा पर निकला. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने राजातालाब भिखारीपुर गांव स्थित बगीचे से 3 टन बनारसी लंगड़ा और दशहरी आम के पहले खेप को हरी झंडी दिखाकर दुबई यात्रा के लिए रवाना किया.

इस अवसर पर उन्होंने बताया कि वाराणसी का लंगड़ा और दशहरी आम विश्व प्रसिद्ध है. इसकी विदेशों में बराबर मांग होती रहती है. उन्होंने बताया कि विगत दिनों वाराणसी से दुबई के लिए सब्जी और गाजीपुर की हरी मिर्च निर्यात किया गया था. तभी से वहां से बराबर फोन पर यहां के लंगड़ा और दशहरी आम की मांग की जा रही थी और वाराणसी के लिए आज वास्तव में सुखद एवं अविस्मरणीय दिन है कि 3 टन लंगड़ा और दशहरी आम का पहला खेप दुबई भेजा गया.
कमिश्नर बोले- बनारस मैंगो हब बनेगा
उन्होंने बताया कि शीघ्र ही का लंगड़ा और दशहरी आम लंदन भी भेजा जाएगा. उन्होंने मौके पर मौजूद आम के किसान एवं बगीचे के मालिक शार्दुल विक्रम चौधरी इसके लिए बधाई देते हुए उन्होंने बनारस के लिए आम का स्पेशल ब्रांड तैयार किए जाने पर विशेष जोर दिया. कमिश्नर ने बताया कि यहां से आम की खेप सीधे लखनऊ जाएगा और वहां पर इसका पैकेजिंग आदि कार्य संपन्न होने के बाद दिल्ली जाकर वहां से हवाई मार्ग द्वारा दुबई चला जाएगा. कमिश्नर ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि बनारस मैंगो हब बनेगा. उन्होंने बताया कि शीघ्र ही वाराणसी से 10 टन आम का दूसरा खेप भी भेजे जाने की तैयारी है. कमिश्नर ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप किसानों की आय दोगुना किए जाने की दिशा में बनारस से सब्जी तथा इसके बाद आज आम का विदेशों में निर्यात मील का पत्थर साबित होगा.
आम के किसान एवं बगीचे के मालिक शार्दुल विक्रम चौधरी ने बताया कि 45 हेक्टेयर में उनका यह बगीचा है. जिसमें वर्तमान में 525 आम के पेड़ हैं. जिसमें चौसा, रामखेड़ा, लंगड़ा, दशहरी और सफेदा आदि प्रजाति के आम के पेड़ है. उन्होंने अपने आम को विदेश निर्यात होने के अवसर पर काफी भावुक होते हुए बताया कि आज का दिन काशी के लिए इतिहास के पन्नों पर दर्ज होगा.
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