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प्रवासी मजदूरों और गरीबों को किराए पर मकान देगी योगी सरकार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मामूली किराए पर प्रवासी मजदूरों व गरीबों को मकान देगी। इसके लिए कवायद शुरू हो गयी है। प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार के निर्देश पर आवास बंधु के निदेशक ने प्रदेश के विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों से किराए के मकानों के निर्माण का प्रस्ताव देने को कहा है। पूर्व में निर्मित व खाली पड़े मकान भी मामूली किराए पर गरीबों को दिए जाएंगे।

कोरोना संक्रमण की वजह से गरीबों व मजदूरों पर बड़ा संकट आ गया है। रोजी-रोटी छिनने से मजदूर गांव की तरफ पलायन कर रहे हैं। इस दौर में शहरों में किराए के मकानों में रहना उनके लिए आसान नहीं रह गया है। वित्त मंत्री ने तीन दिन पहले गरीबों के लिए अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स (एआरएचसी) योजना लांच की थी। इसमें गरीबों, मजदूरों व बेसहारों को बेहद कम किराए पर सरकारी व निजी एजेंसियों की ओर से मकान उपलब्ध कराने की बात कही गई है। केंद्र ने प्रदेशों को इस पर तत्काल काम शुरू करने को कहा है। यूपी ने इसके लिए सबसे तेज पहल की है।

प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने शुक्रवार को ही अफॉर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण का प्रस्ताव देने के लिए सभी प्राधिकरणों को निर्देश जारी कर दिया है। प्रमुख सचिव आवास ने अगले सप्ताह वीडियो कांफ्रेंसिंग से सभी की प्रस्ताव के साथ मीटिंग भी बुला ली है।

पीएम आवास, बीएसयूपी को भी जोड़ने की तैयारी
प्रधानमंत्री आवास योजना के विभिन्न शहरों में बन रहे आवास भी गरीबों मजदूरों वा बेसहारों को किराए पर आवंटित किए जा सकते हैं। इसीलिए एआरएचसी योजना को पीएम आवास से जोड़ा जा रहा है। जिन शहरों में पीएम आवास नहीं बिका है और खाली हैं वहां इन्हें भी किराए पर दिया जाएगा। जिन शहरों में कांशीराम आवास योजना के मकान खाली हैं उन्हें भी गरीबों को किराए पर दिया जाएगा। कांशीराम योजना के जो मकान अधूरे पड़े हैं उन्हें भी पूरा कराने की योजना है। बेसिक सर्विसेज फार अर्बन पुअर (बीएसयूपी) योजना के जो मकान खाली हैं उन्हें भी गरीबों को मामूली किराए पर देने की बात चल रही है।

बिल्डर व फैक्ट्री संचालक बना सकेंगे कॉम्प्लेक्स
शासन के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी एजेंसियों के अलावा बिल्डर, संस्थान व फैक्ट्री संचालक भी अपने परिसर में इस तरह के एआरएचसी के मकान बना सकेंगे। उन्हें कुछ रियायतें दी जाएंगी। इससे गरीबों को सस्ते किराए पर मकान मिल जाएगा।
 
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