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गाजीपुर समेत यूपी के 44 जिलों में मल्टी स्टोरी बैरकों में आराम से सो सकेंगे सिपाही

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। कोरोना संकट में दोहरी चुनौतियों से जूझ रहे प्रदेश पुलिस के सिपाहियों को शासन स्तर से बड़ी राहत देने की तैयारी चल रही है। प्रदेश के 44 जिलों की पुलिस लाइंस में उनके लिए मल्टी स्टोरी बैरकें बनवाई जा रही हैं, जिनमें वे आराम से सो सकेंगे। यह बैरकें सभी सुविधाओं से युक्त होंगी। शासन ने इन बैरकों का निर्माण कार्य तेजी से पूरा कराने का निर्देश दिया है। 

पुलिस के लिए बैरकें बनवाने का जिम्मा शासन ने उत्तर प्रदेश पुलिस आवास निगम को सौंपा है। इसमें 14 जिलों में 100 सिपाहियों के लिए आवासीय क्षमता, 20 जिलों में 150 सिपाहियों के लिए आवासीय क्षमता और 10 जिलों में 200 सिपाहियों के लिए आवासीय क्षमता वाली मल्टी स्टोरी बैरक बनवाई जा रही है। इन मल्टी स्टोरी बैरकों में लिफ्ट भी होगी। पुलिस लाइंस में सिपाहियों की मौजूदा आवासीय व्यवस्था मानक के अनुरूप नहीं है। कारोना संकट में यह समस्या और बढ़ गई है। 

कार्यदायी संस्था पुलिस आवास निगम के महाप्रबंधक पीके अग्रवाल बताते हैं -‘इन बैरकों का निर्माण कार्य डेढ़ से दो साल के अंदर पूरा कर लेने का लक्ष्य है। शासन स्तर से इसकी लगातार मॉनीटरिंग भी की जा रही है।’

थानों में भी बन रही बैरक
शासन ने मथुरा, लखनऊ, मुजफ्फरनगर, सोनभद्र, रायबरेली, मैनपुरी, सहारनपुर, बांदा, हाथरस, महराजगंज, देवरिया, गोरखपुर, वाराणसी, बिजनौर, रामपुर, गाजीपुर, जौनपुर, पीलीभीत, फिरोजाबाद, बदायूं, एटा, आगरा व अलीगढ़ जिले के थानों में बैरक व विवेचना कक्ष तथा पुलिस लाइंस में महिला हास्टल का निर्माण कार्य भी चल रहा है। इसके लिए बजट मंजूर हो चुका है। पुलिस के 322 थानों में बैरक व विवेचना कक्ष का निर्माण, 44 जिलों की पुलिस लाइंस में महिलाओं व पुरुषों के लिए ट्रांजिट हास्टल, 31 पीएसी वाहिनियों के लिए बैरकों के निर्माण तथा नवसृजित सात जिलों में पुलिस लाइंस के आवासीय व अनावासीय भवनों का निर्माण भी प्रस्तावित है।
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