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मुख्तार अंसारी का आर्थिक साम्राज्य ध्वस्त करने में जुटा मऊ जिला प्रशासन, खंगाले जा रहे रिकार्ड

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मऊ, पूर्व सांसद अतीक अहमद के बाद अब चर्चित विधायक मुख्तार अंसारी पर शासन की नजरें टेढ़ी हो गई हैं। बीते वर्ष अक्टूबर में घोसी विधानसभा के उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि 'जेल का खेल अब नहीं चलने दिया जाएगा', उस पर अमल करने को प्रशासन उतर पड़ा है। मुख्तार अंसारी वर्ष 2005 में हुए मऊ दंगे और भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद से जेल में हैं। बावजूद इसके लगातार चुनाव जीतने के साथ ही जनपद सहित पूर्वांचल के अनेक जिलों में आर्थिक साम्राज्य फैला हुआ है। प्रशासन अब उनका साम्राज्य ध्वस्त कर कमर तोडऩे का मन बना लिया है। इस क्रम में विभिन्न क्षेत्रों में बैठे उसके करीबियों पर पुलिस कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है।

ठेकेदारी से लगायत भूमि, रीयल इस्टेट, शराब, कोयला, टेलीकॉम टावर, मछली, मांस, असलहे आदि किसी भी क्षेत्र में जो भी सफेदपोश और अपराधी किस्म के लोग शामिल हैं, कहीं न कहीं से मुख्तार अंसारी से जुड़े हुए हैं। ऐसे में इन माफियाओं की कमर तोडऩे के लिए इनके आर्थिक साम्राज्य पर निशाना साधा जा रहा है। बीते जनवरी माह में पुलिस ने विधायक मुख्तार अंसारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था, वह था अवैध असलहों से जुड़ा मामला। पुलिस ने जब रिकार्ड खंगाला तो विधायक के पैड पर जारी लगभग डेढ़ दर्जन असलहे फर्जी नाम-पते पर पाए गए। इनमें विधायक के तीन गुर्गों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया तो 14 लोगों के लाइसेंस निरस्त कर दिए। पुलिस ने विधायक के पूरे साम्राज्य को खंगाला जाने लगा तो पता चला कि सभी सरकारी विभागों के ठेके में मुख्तार के सिंडीकेट के लोगों का वर्चस्व है। अब पुलिस ने एक-एक कर उनके गढ़ को ध्वस्त करने की शुरुआत कर दी है। पिछले दिनों अवैध बूचडख़ाने से मांस कारोबार के ठिकाने को ध्वस्त किया तो दूसरे ही दिन मछली व्यवसाय में वर्चस्व जमाए उनके गुर्गे को जेल भेजने में कामयाब रही। इसी क्रम में गाजीपुर में भी पुलिस ने मुख्तार के करीबियों के शस्त्र लाइसेंस निलंबन व अवैध कब्जे के मामले में कार्रवाई की।

जिले में 50 से अधिक लोगों की एक सूची बनाई गई है
जिले में 50 से अधिक लोगों की एक सूची बनाई गई है जिनका मुख्तार अंसारी गिरोह से संपर्क है। इनके खिलाफ कठोर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। ताकि मुख्तार अंसारी के गुर्गों पर लगाम कसी जा सके। ठेकेदारों की हैसियत और चरित्र प्रमाण पत्र की पुन: सत्यापन कराए जा रहे हैं।-अनुराग आर्य, पुलिस अधीक्षक, मऊ।
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