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क्वारंटाइन सेंटर से भागकर घर पहुंचा, मां ने दोबारा भेजा तो फांसी लगाकर दे दी जान

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर। कानपुर जिले में सहदलीपुर गांव के युवक को मां ने दोबारा क्वारंटीन सेंटर भेजा तो फांसी लगाकर जान दे दी। उसका शव गंगा तट पर जमदा आश्रम के पास एक पेड़ से लटकता पाया गया। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। 

सहदलीपुर निवासी सूरज सिंह यादव (23) महाराष्ट्र के नासिक में कारपेंटर का काम करता था। भाई राजा ने बताया कि 15 मई को वह गांव पहुंचा तो प्रशासन ने जांच के बाद अपोलो कॉलेज में क्वारंटीन करा दिया। वहां से 18 मई को उसे राजापुर मिलन केन्द्र में बनाए गए क्वारंटीन सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया। भाई के मुताबिक 23 मई की रात सूरज सेंटर से भागकर घर पहुंच गया। भाई और मां रानी देवी ने क्वारंटीन अवधि पूरी करने के लिए कहा तो वह दोबारा न जाने की जिद करने लगा। फिर भी उसे समझा बुझाकर वापस सेंटर भेज दिया। रात में वह फिर मिलन केंद्र पहुंच गया। 24 मई की सुबह सूरज सेंटर में अपने दोस्त महुआ लाल के साथ गंगा नहाने की बात कहकर निकला। महुआ लाल ने पुलिस को बताया कि वह झांसा देकर गायब हो गया था। इसके बाद से परिजन उसे तलाश रहे थे। रविवार सुबह जमदा आश्रम के निकट लाहौरपुर गांव में ग्रामीणों ने खेत के पास पेड़ से लटका शव देखा तो पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने सूरज के रूप में उसकी पहचान की। महाराजपुर एसओ राघवेन्द्र सिंह ने घटना की पुष्टि की है।

भाई ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट
सूरज के क्वारंटीन सेंटर से गायब होने की जानकारी हुई तो भाई राजा ने तलाश शुरू की। कुछ पता नहीं चला तो 30 मई को महाराजपुर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। राजा का कहना है कि इस बात का अंदाजा नहीं था कि क्वारंटीन में वह इतना परेशान था कि जान दे देगा। जानकारी होती तो घर में ही बुला लेते।

कई दिनों से लटका था शव
लाहौरपुर गांव में पेड़ से लटक रहा शव कई दिन पुराना लग रहा था। आसपास दुर्गंध आ रही थी। पुलिस के अनुसार सूरज ने 24 मई को ही आत्महत्या कर ली थी। पेड़ से लटक रहे शव से पैर गायब थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि जानवरों ने पैर नीचे से नोच लिया होगा।
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