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वाराणसी में टेम्पो चालक के बेटे ने टॉप किया, बुनकर का बेटा अव्वल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. कहते हैं कि मेहनत का फल मीठा होता है। यूपी बोर्ड परीक्षा में जिले टाप करने वाले कई मेधावियों  के अभिभावकों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकें। लेकिन उन्होंने अपने सपने को साकार करने के लिए एड़ी-चोटी का पसीना एक किया। बच्चों ने भी उन्हें निराश नहीं किया। 

खरगपुर गाँव निवासी दसवीं की परीक्षा में  जिले में प्रथम आने वले धीरज पटेल  के पिता किराए पर टेम्पो चलाते हैं। वह एक मरीज लेकर बनारस आए थे। माँ सुनीता ने उन्हें फोन कर जानकारी दी कि धीरज ने हाईस्कूल की परीक्षा में जिले में टॉप किया है तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नही रहा। मरीज के साथ चल रहे परिजनों से बोले, बेटे पर नाज है। बोले, गरीबों की केवल भगवान सुनता है। बेटे पर पूरा भरोसा है।  इंटर में  जिला में टॉप करने वाले अक्षय कुमार के पिता भोनू प्रसाद प्रसाद बुनकर हैं। पावरलूम चलाकर भरण-पोषण करते हैं।

गरीब परिवार में जन्में विशेष सोनकर ने हाईस्कूल में यूपी बोर्ड की परीक्षा में जिले में दूसरा स्थान पाकर न केवल अपने परिवार बल्कि रामनगर का नाम रोशन किया। दोपहर में जिस समय यूपी बोर्ड का रिजल्ट आया उस समय पिता कैलाश एवं माता भागवनी देवी बेचने के लिए बगीचे में जामुन बीनने गए थे। पड़ोस के लोगों को पता चला कि उन्होंने जाकर कहा, अरे कैलाश बाबू.. तोहार बेटवा त पूरे नगर क  नाम रोशन कर देहलेस... पिता को जैसे विश्वास ही नहीं हुआ। नगरपालिका अध्यक्ष रेखा शर्मा ने विशेष के घर पहुंच छात्र व अभिभावक का मुँह मीठा कराया।

बेटी ने नाम रोशन कर दिया.. 
हाईस्कूल की टापटेन में शामिल महामना इंटर कालेज बच्छाव की छात्रा सविता विंद के पिता छब्बू बिंद खेत बंटाई पर लेकर खेती करते हैं। समय मिलने पर लोगों के यहां शादी विवाह में हलवाई का काम भी करते हैं। बोले, मैं तो कुछ पढ़ा-लिखा नहीं मगर बेटी ने नाम रोशन कर दिया। 

आटा चक्की चलाकर बेटी को पढ़ाया
राजातालाब रानी बाजार की खूशबू को पता चला कि वह जिले में  इंटर की टॉपटेन में आई है तो वह खुशी से चिल्ला उठी.. मम्मी.. मैं पास हो गई.. चक्की पर आटा पीस रहे पिता दौड़े दौड़े आए। बेटी को गले लगाया। पास पड़ोस के लोगों ने बधाई दी। पिता त्रिभुवन प्रसाद कहते हैं कि ईश्वर सभी को ऐसी ही बेटियां दें जो अपने मां-बाप का नाम  रोशन करें। इंटर में ही दूसरे स्थान पर रहने वाले हर्ष कुमार पटेल के पिता महेंद्र कुमार पटेल मिस्त्री हैं।
ये तो चंद उदाहरण हैं।  इसके अलावा कई ऐसे मेधावी हैं, जिनके अभिभावकों के सपने साकार हुए है। रिजल्ट आने के बाद उनकी खुशियों का ठिकाना नहीं था।
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