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सावन में राम मंदिर निर्माण की तैयारी, महंत नृत्य गोपाल दास ने पीएम मोदी को भेजा निमंत्रण

गाजीपुर न्यूज़ टीम, अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य का उद्घाटन करने के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण भेजा है। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि हमने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उनसे अयोध्या का दौरा और राम मंदिर निर्माण गतिविधियों का उद्घाटन करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि कोई भीड़ न हो। दरअसल, संत चाहते हैं कि राम मंदिर का काम सावन के महीने में शुरू हो जाए। यह महीना छह जुलाई से शुरू होकर तीन अगस्त को समाप्त होगा।

सुप्रीम कोर्ट में लंबे जद्दोजहद के बाद आए ऐतिहासिक फैसले से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की दिशा में काम तेजी से बढ़ा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए भूमि के समतलीकरण का काम पूरा कर लिया है। भूमि पूजन के लिए अयोध्या के साधु संतों से लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने पीएम मोदी को निमंत्रण पत्र भेजकर भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है, जिससे 2022 में रामनवमी का त्यौहार राललला के भव्य मंदिर में मनाया जाए। साधु संत चाहते हैं कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या वर्चुअल तरीके से प्रधानमंत्री मोदी भूमि पूजन करने के बजाए वह खुद कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अयोध्या आएं।

राम मंदिर निर्माण में और आएगी तेजी : कोरोना के संक्रमण में धीमी पड़े राम मंदिर निर्माण की तैयारियों में और और तेजी आएगी। अब तक हुए काम का निरीक्षण और श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों से मंत्रणा करने रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद पहुंचे थे। इस दौरान महंत नृत्य गोपाल दास को उन्होंने आश्वासन दिया कि काम में तेजी लाई जाएगी। उन्होंने रामजन्मभूमि परिसर का जायजा पूरी बारीकी से लिया और श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सहित विहिप के कुछ शीर्ष नेताओं और ट्रस्ट के सदस्य बिमलेंद्रमोहन मिश्र, डॉ. अनिल मिश्र तथा जिलाधिकारी अनुज कुमार झा से तैयारियों के संदर्भ में आवश्यक जानकारी ली। इससे पूर्व सीएम योगी ने श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं शीर्ष महंत नृत्यगोपालदास से उनके आश्रम मणिरामदास जी की छावनी पहुंच भेंट की और मंदिर निर्माण के संबंध में मंत्रणा की। 

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