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CM योगी ने कोविड हॉस्पिटल और एम्‍स का लिया जायजा, 15 दिन में तैयार होगा एक और अस्‍पताल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर। गोरखपुर के दो दिवसीय दौरे पर आए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार सुबह एम्‍स और रेलवे हॉस्पिटल में बने कोविड-19 हास्पिटल का जायजा लिया। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि मरीजों को सबसे बेहतर इलाज मिलना चाहिए ताकि वे जल्‍द से जल्‍द स्‍वस्‍थ होकर अपने घरों को लौट सकें। 

एम्‍स के निरीक्षण के दौरान उन्होंने डायरेक्टर को निर्देश दिया कि यहां कोविड-19 हॉस्पिटल बनाया जाए। डायरेक्टर ने बताया कि कार्यदायी संस्था ने 30 जुलाई तक अस्पताल बना कर देने का वादा किया है। इसके बाद 15 दिन से एक महीने के अंदर हम कोरोना मरीजों के लिए अस्पताल तैयार कर देंगे। पहले 50 बेड का अस्पताल तैयार किया जाएगा। इसके बाद 50 बेड और बढ़ाए जाएंगे। पहले लेवल वन अस्पताल बनाया जाएगा जिसमें बिना लक्षण वाले मरीजों को भर्ती किया जाएगा। दूसरे चरण में लेबल टू अस्पताल बनेगा जिसमें लक्षण वाले मरीज भर्ती होंगे।

इसके पहले शनिवार की शाम एनेक्‍सी भवन में कोविड-19 की समीक्षा के दौरान मुख्‍यमंत्री ने  हर जिले में रोज 500 से 1000 रैपिड टेस्ट का आदेश दिया था। उन्‍होंने अफसरों को निर्देश दिया कि स्वच्छता, सेनेटाइजेशन और फॉगिंग नियमित रूप से कराएं। अस्पतालों में बेडों की संख्या और बढ़ाएं। प्रत्येक कोविड केस की जांच हो और कान्टैक्ट ट्रेसिंग को और बेहतर करें। 

उन्होंने निर्देश दिया कि मास्क का प्रयोग न करने वालों का चालान किया जाए। कोविड अस्पतालों में साफ-सफाई, समय से भोजन एवं डॉक्टरों के द्वारा नियमित रूप से राउंड कर मरीजों की जांच के कड़े निर्देश दिए। होम आइसोलेशन के नियमों का सख्ती से पालन कराने की हिदायत भी दी। सीएम ने देवरिया, कुशीनगर और बस्ती के सीएमओ के कार्यो से असंतोष व्यक्त करते हुए उनकी तैयारियों पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि तत्काल सुधार लाएं। 

तकरीबन 2.40 घंटे तक चली बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाए। पानी उबालकर पीने के लिए भी जागरूक करें। अस्पतालों में भी गर्म पानी दिया जाए। जहां 10 अधिक लोग एकत्र हो रहे वहां कोविड हेल्पडेस्क अनिवार्य रूप से बनाया जाए। हेल्पडेस्क पर पल्स आक्सीमीटर एवं इन्फरारेड थर्मोमीटर से लोगों का परीक्षण किया जाए। 

सीएम ने बैठक में जिलेवार कोरोना संक्रमण से बचाव के कार्यों, बेडों की संख्या, डोर टू डोर सर्वे, कोविड हेल्पडेस्क की व्यवस्था, कान्टैक्ट ट्रेसिंग, खाद्यान्न वितरण की स्थिति, रोजगार उपलब्ध कराने की स्थिति की जानकारी ली। 

बीआरडी में बढ़ाएं सुविधाएं
सीएम ने बीआरडी मेडिकल कालेज एवं बस्ती मेडिकल कालेज में सुविधाओं को और बढ़ाया जाने के निर्देश दिए। बैठक में एडीजी दावा शेरपा, मण्डलायुक्त गोरखपुर जयन्त नार्लीकर, मण्डलायुक्त बस्ती अनिल सागर, डीआईजी राजेश डी मोदक, डीएम गोरखपुर के. विजयेन्द्र पाण्डियन, सिद्धार्थनगर डीएम दीपक मीणा, देवरिया डीएम अमित किशोर, महराजगंज डीएम डॉ. उज्जवल कुमार, कुशीनगर के डीएम भूपेन्द्र एस चैधरी, संतकबीरनगर के डीएम रवीश गुप्ता समेत सभी जिलों के सीएमओ, आईएमए एवं नर्सिंगहोम एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

वार्डो और ग्राम पंचायतों में सर्विलांस पर जोर 
सीएम ने कहा कि हर वार्ड-कर ग्राम पंचायतों में नोडल अधिकारी तैनात कर निगरानी समिति को और एक्टिव किया जाए। सर्विलांस का काम बेहतर करें ताकि संदिग्ध मरीजों की पहचान तेजी से हो सके। डोर टू डोर सर्वे पर बल देते हुए कहा कि इस समय कोविड-19 के दृष्टिगत चुनौतियां का जिक्र करते हुए सतर्क रहने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि मेडिकल इंफैक्शन न फैले इसके लिए लगातार आईएमए, नर्सिंगहोम एसोसिएशन एवं प्रशासन एक दूसरे से संवाद करते रहें। नर्सिंगहोम-प्राइवेट अस्पताल के प्रतिनिधियों से कहा कि कोविड मरीजों को रेफर करने की सूचना कन्ट्रोल रूम को तत्काल दें। हर संदिग्ध की जांच सुनिश्चित की जाए। 

खाद्यान्न माफिया पर एनएसए लगाएं
सीएम ने समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि खाद्यान्न माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करते हुए एनएसए लगाया जाए। हर गरीब को खाद्यान्न मिले  सुनिश्चित करें। खाद्यान्न वितरण नोडल अधिकारी की देख-रेख में किया जाए। रोजगार उपलब्ध कराने की समीक्षा के दौरान डीएम को निर्देशित किया कि सेवायोजन विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करें। अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। प्रतिदिन उनकी उपलब्धियों की समीक्षा की जाए। उद्योगों को चिह्नित कर लोगों को उनकी क्षमता के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जाए।

आईएमए और मेडिकल एसोसिएशन को उपलब्ध कराएं सहायता
मुख्यमंत्री ने आईएमए एवं नर्सिंगहोम एसोसिएशन के पदाधिकारियों से भी बात की। जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि कोविड अस्पताल के संचालन के लिए मांगी जा रही सहायता प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना से होने वाली मौतों के मामले में कोविड प्रोटोकाल के तहत शव का निस्तारण शीघ्रता से कराया जाए। 

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