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यूपी पुलिस का बड़ा कारनाम: किडनैपर्स की जगह अगवा हुए युवक के भाई को जमकर पीटा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. चौबेपुर कांड व लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण की घटना और हत्या के बाद से ही कानपुर पुलिस की किरकिरी हो रही है. आलम यह है कि एसएसपी दिनेश कुमार पी को हटा दिया गया है. लेकिन यूपी पुलिस है कि सुधरने का नाम नहीं ले रही है. संजीत यादव की अपहरण और पुलिस द्वारा फिरौती की रकम दिलवाने के बाद भी उसकी हत्या कर दी गई और परिवार वालों को आज तक उसका शव नहीं मिला है. लेकिन पुलिस अपने कारनामों से बाज नहीं आ रही है. 

कानपुर देहात के भोगनीपुर थाना क्षेत्र के चौरा स्थित धर्मकांटा से बृजेश पाल के अपहरण मामले में पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है. आरोप है कि बृजेश के भाई मुकेश को पुलिस ने अपहरण के बाद उठा लिया और 2 दिनों तक थाने में रखने के साथ ही उसकी बेरहमी से पिटाई की. पुलिस ने उसे मनचला बताते हुए उसकी बेरहमी से पिटाई की है. जिसके चलते उसका हाथ भी टूट गया है और शरीर में भी गंभीर चोटें हैं. वही कांड में अब पुलिस कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

क्या है पूरा मामला?
कानपुर में संजीत यादव का अपहरण और हत्या का मामला अभी ठंडा भी नही हुआ था कि कानपुर देहात में भोगनीपुर थाना क्षेत्र के चौरा स्थित नेशनल धर्मकांटा से ब्रजेश पाल का 16 जुलाई की रात को अपहरण कर लिया गया. इस घटना के भी 10 दिन बीत जाने के बाद भी कानपुर देहात पुलिस के हाथ खाली है. अपहरणकर्ता ने ब्रजेश के फोन से परिजनों को फोन कर बताया था कि वह उनके पास है और पुलिस को सूचना नहीं देनी है. इतना ही नहीं अपहरणकर्ताओं ने 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी और 5 दिन के अंदर रुपया देने को कहा था. अपहरणकर्ता और परिजनों के बीच फिरौती मांगे वाला बातचीत का ऑडियो भी है.

एसपी ने भी साध रखी है चुप्पी
पूरे मामले में एसपी अनुराग वत्स भी चुप्पी साधे हुए हैं. वहीं एडीजी कानपुर रेंज को भी कोई जानकारी नहीं है. पुलिस का यह लापरवाह रवैया परिवार वालों के लिए मुसीबत बना हुआ है. उधर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, लेकिन एक बार फिर यूपी पुलिस का पूरा सिस्टम फेल नजर आ रहा है. अपराधी मस्त और पुलिस पस्त दिखाई दे रही है. वहीं कानपुर देहात पुलिस ने इस मामले से मीडिया को दूर रखा और अपहरण के मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

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