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कोरोना संक्रमण का सबसे अधिक खतरा जहां, सबसे अधिक भीड़ वहीं की ट्रेनों में

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर। जान के डर पर भूख भारी पड़ रही है। कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन शुरू होते ही अपने कार्यस्‍थलों से जान हथेली  पर लेकर अपने गांवों को लौटे मजदूरों में अब वापसी की होड़ मची है। देश में कोरोना का सबसे अधिक संक्रमण मुंबई में ही है बावजूद इसके यहां जाने के लिए सबसे अधिक मारामारी है। ट्रेन हो या जहाज दोनों में सीटे पैक हैं। 15 दिन पहले तक मुंबई की जिन ट्रेनों में आसानी से सीटें उपलब्ध हो जा रहीं थी उन्हीं ट्रेनों में अब 30 से 35 वेटिंग हैं। कन्फर्म टिकट पाने के लिए खूब मारामारी हो रही है। ट्रेनों में भीड़ का यह हाल तब है जब सामान्य तौर पर 15 जुलाई के बाद भीड़ कम हो जाती है। 

दरअसल, कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन के दौरान हजारों की संख्या में श्रमिक दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, सूरत और लुधियाना से गोरखपुर आए थे। धीरे-धीरे जब फैक्ट्रियां, कंपनियां खुलने लगीं तो वहां से श्रमिकों के लिए बुलावा आने लगा। बुलावे श्रमिकों ने सबकुछ भूल वापस जाना ही बेतहर समझा और ट्रेनों में उनकी भीड़ दिखने लगी। 

सबसे अधिक भीड़ कुशीनगर में फिर एलटीटी में
मुंबई जाने के लिए सबसे अधिक भीड़ गोरखपुर से एलटीटी तक जाने वाली कुशीनगर एक्सप्रेस में है। पिछले साल जुलाई की तरह इस साल भी जुलाई में इस ट्रेन की सभी श्रेणियों में 20 ऊपर से प्रतीक्षा सूची है। सबसे अधिक वेटिंग स्पीपर क्लास में है फिर एसी थ्री टायर में। 

दिल्ली की ट्रेनोंं में वेटिंग कम लेकिन ट्रेनें पैक
गोरखपुर से दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में वेटिंग तो 10 से 12 के बीच है लेकिन सीटें सभी पैक हैं। यहां की ट्रेनों में भी आसानी से जगह नहीं मिल रही है।

जहाज भी पैक
ट्रेनों के साथ ही मुंबई जाने वाली फ्लाइट भी पूरी तरह से पैक है। मुंबई की फ्लाइट रोजाना पैक होकर जा रही है। जहाजों में कितनी भीड़ हो रही है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस समय जितने मुंबई की ट्रेन में टिकट पाने के लिए बन गए वरिष्ठ नागरिक मुंबई की ट्रेन में कन्फर्म टिकट पाने के लिए पांच यात्री वरिष्ठ नागरिक के कोटे पर कन्फर्म पाकर यात्रा कर रहे थे। जांच के दौरान गोण्डा में पकड़े गए। इसके साथ ही मुख्यालय कोटा में भी बाहर से खूब फोन आ रहे हैं। 
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